Rajasthan: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक (आरएमजीबी) के दो शाखा प्रबंधकों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों पर किसान क्रेडिट कार्ड ( KCC) ऋण स्वीकृत करके सरकारी खजाने से धन निकालने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
Rajasthan के जैसलमेर जिले में सत्याया शाखा में कार्यरत थे दोनो आरोपी
एजेंसी 3 करोड़ रुपये से अधिक के केसीसी ऋण धोखाधड़ी के कई मामलों की जांच कर रही है। एफआईआर में नामजद आरोपी शाखा प्रबंधक शील कुमार और सहायक प्रबंधक सतीश नंदा हैं। दोनों जैसलमेर जिले में सत्याया शाखा में कार्यरत थे
RMGB भारत सरकार, राजस्थान सरकार और भारतीय स्टेट बैंक का एक संयुक्त उद्यम है।
KCC खातों में कथित अनियमितताओं की आंतरिक जांच से पता चला है कि अधिकारियों ने वर्ष 2022 के दौरान योजना के तहत 38 केसीसी ऋण स्वीकृत और वितरित किए थे, जिनकी कुल राशि 3.21 करोड़ रुपये थी।
बैंक के निर्धारित मानदंडों/नियमों का पालन किए बिना केसीसी ऋण संसाधित और स्वीकृत किए गए। एफआईआर में कहा गया है, “यह पता चला है कि वर्ष 2022 के दौरान, उन्होंने धोखाधड़ी से और बैंक को धोखा देने के आपराधिक इरादे से 38 केसीसी ऋण खाते खोले। उन्होंने जाली भूमि दस्तावेजों यानी गिरदावरी, सर्च रिपोर्ट, नक्शा और भूमि प्रमाण पत्र आदि के आधार पर 38 केसीसी ऋण खातों को संसाधित और स्वीकृत किया।”
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