होम संस्कृति Raksha Bandhan का शुभ मुहूर्त कितने बजे से  कितने बजे तक है 

Raksha Bandhan का शुभ मुहूर्त कितने बजे से  कितने बजे तक है 

Raksha Bandhan 2024 भाई-बहनों के बीच स्थायी बंधन का जश्न मनाने का समय है, जिसे अनुष्ठानों, प्रेम और एकजुटता से चिह्नित किया जाता है।

Raksha Bandhan, जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो भाइयों और बहनों के बीच के बंधन को मनाता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर एक पवित्र धागा बांधती हैं, जिसे राखी कहा जाता है, और भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। यह समारोह अक्सर उपहारों और मिठाइयों के आदान-प्रदान के साथ होता है।

शुभ मुहूर्त कैसे निर्धारित करें

From what time to what time is the auspicious time of Raksha Bandhan

Raksha Bandhan का शुभ मुहूर्त हिंदू चंद्र कैलेंडर पर आधारित है और श्रावण मास की पूर्णिमा के समय पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ सामान्य दिशानिर्देश दिए गए हैं जो आपको राखी बांधने का शुभ समय निर्धारित करने में मदद करेंगे:

  • पूर्णिमा तिथि का समय: सबसे महत्वपूर्ण कारक पूर्णिमा तिथि का समय है। राखी पूर्णिमा तिथि के दौरान बांधी जानी चाहिए। यह देखना महत्वपूर्ण है कि पूर्णिमा तिथि कब शुरू होती है और कब समाप्त होती है।
  • भद्रा काल से बचें: भद्रा एक ऐसा समय होता है जिसे किसी भी महत्वपूर्ण गतिविधि के लिए अशुभ माना जाता है, जिसमें राखी बांधना भी शामिल है। भद्रा काल अक्सर पूर्णिमा के समय के साथ होता है, इसलिए यह समय टालना चाहिए।

शुभ मुहूर्त: भद्रा काल के बाद का समय सामान्यतः शुभ माना जाता है। शुभ मुहूर्त को और अधिक विशिष्ट समयांतराल में परिभाषित किया जा सकता है जो अशुभ ग्रहों के प्रभाव से मुक्त होते हैं।

2024 के लिए विस्तृत मार्गदर्शिका

2024 के लिए, Raksha Bandhan 19 अगस्त को मनाया जाएगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है:

  • पूर्णिमा तिथि शुरू: 19 अगस्त 2024 को 01:46 AM
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 20 अगस्त 2024 को 04:19 AM

Raksha Bandhan 2024 पर भद्रा काल

  • भद्रा समाप्ति का समय: 19 अगस्त 2024 को 09:11 AM

भद्रा काल को अशुभ माना जाता है, इसलिए भद्रा काल के दौरान राखी नहीं बांधनी चाहिए। इसलिए, भद्रा समाप्ति के बाद का समय शुभ माना जाता है।

Raksha Bandhan का शुभ मुहूर्त

  • भद्रा समाप्ति के बाद का शुभ समय: 19 अगस्त 2024 को 09:11 AM से 06:55 PM तक

राखी समारोह के लिए चरणबद्ध निर्देश

  • तैयारी: राखी समारोह के लिए आवश्यक सभी वस्त्रों को एकत्रित करें, जिसमें राखी, मिठाइयाँ, रोली (लाल पवित्र पाउडर), चावल के दाने, दीया (दीपक), और उपहार शामिल हैं।
  • सही समय चुनें: सुनिश्चित करें कि आपने पूर्णिमा तिथि और भद्रा काल का समय जाँच लिया है। 2024 के लिए, भद्रा समाप्ति के बाद का शुभ मुहूर्त सबसे शुभ है।

अनुष्ठान करें:

  • आरती: अपने भाई की छोटी सी आरती करें, दीया घुमाते हुए।
  • तिलक: अपने भाई के माथे पर रोली और चावल के दाने का तिलक लगाएं।
  • राखी बांधें: राखी अपने भाई की दाहिनी कलाई पर बांधें, राख्षा मंत्र का जाप करते हुए या बस उसकी भलाई और सुरक्षा की प्रार्थना करते हुए।
  • उपहारों का आदान-प्रदान: भाई अपनी बहनों को प्रेम और सराहना के प्रतीक के रूप में उपहार दें।
  • मिठाई साझा करें: समारोह का समापन मिठाई बाँटकर करें, जो भाई-बहन के बंधन की मिठास को दर्शाती है।

यह भी पढ़ें: Rakshabandhan में पहनें 8 सूट, दिखेंगी अप्सरा

सफल राखी समारोह के लिए अतिरिक्त सुझाव

  • साफ-सफाई और सजावट: पूजा क्षेत्र या वह स्थान जहाँ आप राखी समारोह करेंगे, उसे साफ करें और सजाएं। आप फूलों, रंगोली और अन्य सजावटी वस्त्रों का उपयोग कर सकते हैं।
  • पारंपरिक परिधान पहनें: पारंपरिक कपड़े पहनना त्योहारी भावना को बढ़ाता है और अवसर को और विशेष बनाता है।
  • कृतज्ञता व्यक्त करें: इस अवसर का उपयोग अपने भाई-बहनों के प्रति कृतज्ञता और प्रेम व्यक्त करने के लिए करें। यादें साझा करें और एक साथ समय बिताएं।
  • पहले से योजना बनाएं: सुनिश्चित करें कि सभी तैयारियाँ पहले से हो जाएं ताकि अंतिम समय की कोई जल्दबाज़ी न हो। इसमें राखियाँ, उपहार और सभी पूजा सामग्री खरीदना शामिल है।

सांस्कृतिक महत्व और क्षेत्रीय विविधताएँ

Raksha Bandhan पूरे भारत और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है जहाँ भारतीय प्रवासी रहते हैं। जबकि मुख्य अनुष्ठान समान रहते हैं, इस त्योहार के साथ क्षेत्रीय विविधताएँ और परंपराएँ जुड़ी हुई हैं

  • उत्तर भारत: पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में राखी बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। बहनें अक्सर अपने भाइयों के घर जाती हैं और अनुष्ठान करती हैं।
  • महाराष्ट्र: यहाँ त्योहार को नाराली पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है, जहाँ मछुआरे समुद्र देवता को नारियल अर्पित करते हैं।
  • पश्चिम बंगाल और ओडिशा: इन राज्यों में, त्योहार झूलन पूर्णिमा के साथ मेल खाता है, जो राधा और कृष्ण के दिव्य प्रेम का उत्सव है।
  • दक्षिण भारत: तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में, त्योहार को अवनी अवित्तम के नाम से जाना जाता है, जहाँ ब्राह्मणों द्वारा पवित्र धागे का अनुष्ठान मनाया जाता है।

यह भी पढ़ें: Rakshabandhan पर ये 5 गैजेट्स आपकी बहन को कर देंगे खुश

निष्कर्ष

Raksha Bandhan 2024 के दौरान राखी बांधने का शुभ मुहूर्त भद्रा काल समाप्ति के बाद, 19 अगस्त 2024 को 09:11 AM से 06:55 PM तक है। बताए गए चरणों और सुझावों का पालन करके, आप इस सुंदर त्योहार का आनंद और अर्थपूर्ण ढंग से उत्सव मना सकते हैं, जो भाइयों और बहनों के बीच के बंधन को मजबूत करता है।

अन्य ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें

Exit mobile version