फिल्म इंडस्ट्री की चमक-धमक के पीछे कई बार कलाकारों का दर्द छिप जाता है। हाल ही में मशहूर अभिनेत्री Ramya ने अपने जीवन के सबसे कठिन पलों पर खुलकर बात की। उन्होंने ऑनलाइन ट्रोलिंग, महिलाओं के प्रति समाज के दोगले रवैये और अपने पिता को खोने के दर्द को साझा किया।
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आंखों में आंसू और आवाज़ में कंपन के साथ, उन्होंने बताया कि कैसे साइबर बुलिंग ने उनके मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित किया। सबसे ज्यादा दुख की बात यह थी कि जब वह अपने पिता के निधन से जूझ रही थीं, तब भी लोगों ने उन्हें नहीं बख्शा। उन्होंने कहा—
“औरतें ट्रोल्स के लिए सबसे आसान निशाना होती हैं।”
Ramya: शोहरत की भारी कीमत

Ramya ने फिल्म इंडस्ट्री में कई बेहतरीन किरदार निभाए हैं और अपनी दमदार एक्टिंग के लिए मशहूर हैं। लेकिन जितनी ज़्यादा उनकी लोकप्रियता बढ़ी, उतनी ही ज़्यादा नफरत और आलोचनाओं का शिकार भी होना पड़ा।
“जब से मैंने इस इंडस्ट्री में कदम रखा है, मुझे तरह-तरह से ट्रोल किया गया है। मेरे कपड़े, मेरा करियर, मेरी पर्सनल लाइफ—हर चीज़ पर लोगों ने उंगली उठाई है।”
उन्होंने इस बात की भी ओर ध्यान दिलाया कि जहां पुरुष कलाकारों को कई चीज़ों के लिए माफ़ कर दिया जाता है, वहीं महिलाओं को हर छोटी-छोटी बात के लिए ट्रोल किया जाता है।
“अगर कोई पुरुष अपने विचार रखता है, तो उसे बोल्ड और स्ट्रॉन्ग कहा जाता है। लेकिन जब एक औरत वही करती है, तो उसे घमंडी या बदतमीज़ कह दिया जाता है।”
पिता को खोने का दर्द और बेरहम ट्रोलिंग
Ramya: लेकिन जो चीज़ उन्हें सबसे ज्यादा तोड़ गई, वह थी उनके पिता की मृत्यु के बाद मिली ट्रोलिंग।
“जब मैंने अपने पिता को खोया, तब मेरी दुनिया उजड़ गई थी। मैं मानसिक रूप से टूट चुकी थी, लेकिन लोगों ने मुझे सहारा देने की बजाय उल्टा दोषी ठहराना शुरू कर दिया।”
उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने बेहद भद्दे और अमानवीय कमेंट्स किए, जिनमें यह तक कहा गया कि उनके पिता की मौत के लिए वही जिम्मेदार हैं।
“क्या लोग यह नहीं समझते कि उनके शब्द किसी को कितना गहरा आघात पहुंचा सकते हैं? मैं अपने पिता के जाने के गम में डूबी हुई थी, और ऊपर से इन नफरत भरे कमेंट्स ने मेरी हालत और खराब कर दी।”
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औरतों को ही सबसे ज़्यादा क्यों टारगेट किया जाता है?
Ramya का यह दर्द सिर्फ उनका नहीं है। यह लाखों महिलाओं का सच है, जो रोज़ सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार होती हैं।
“अगर कोई औरत अपनी मर्जी से कोई फैसला लेती है, तो समाज उसे स्वीकार नहीं कर पाता। हमसे हर समय परफेक्ट बनने की उम्मीद की जाती है, और जैसे ही हम कुछ अलग करते हैं, हम पर हमले शुरू हो जाते हैं।”
Ramya: उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं की निजी ज़िंदगी को लेकर लोग कितनी जल्दी जजमेंटल हो जाते हैं।
“अगर कोई आदमी एक से ज्यादा रिश्तों में रहता है, तो उसे कूल कहा जाता है। लेकिन अगर कोई औरत ऐसा करे, तो उसे बुरा-भला कहा जाता है। यह दोगलापन क्यों?”
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
लगातार मिल रही ट्रोलिंग ने Ramya की मानसिक सेहत पर गहरा असर डाला। उन्होंने माना कि कई बार उन्होंने सोशल मीडिया छोड़ने का भी सोचा।
“कई बार मैंने सोचा कि अपने अकाउंट्स डिलीट कर दूं, लेकिन फिर मैंने खुद से पूछा—मैं क्यों भागूं? क्यों मैं इन ट्रोल्स को जीतने दूं?”
इसके बजाय, उन्होंने नफरत का जवाब अपनी मजबूती से देने का फैसला किया। वे अब साइबर बुलिंग के खिलाफ खुलकर बोल रही हैं और चाहती हैं कि सरकार इस पर सख्त कानून बनाए।
“हमारे देश में साइबर क्राइम को हल्के में लिया जाता है। लेकिन यह मज़ाक नहीं है। मानसिक यातना भी एक अपराध ही है।”
अब बदलाव की ज़रूरत है
Ramya चाहती हैं कि अब समाज में बदलाव आए। वह औरतों से अपील करती हैं कि वे ट्रोल्स के डर से चुप न रहें।
“हमें अपनी आवाज़ उठानी होगी। हम कब तक सहते रहेंगे? यह ज़रूरी है कि हम ट्रोलिंग को नॉर्मल मानना बंद करें।”
उन्होंने पुरुषों से भी अपील की कि वे महिलाओं के साथ खड़े हों और इस मुद्दे को गंभीरता से लें।
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क्या आगे बदलेगी तस्वीर?
इतनी नफरत झेलने के बावजूद Ramya हार मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने साफ कहा कि वह मजबूती के साथ आगे बढ़ेंगी और हर औरत को भी ऐसा ही करना चाहिए।
“हम औरतें कमजोर नहीं हैं। हम योद्धा हैं। जब हम एकजुट होकर खड़ी होंगी, तो कोई हमें नहीं तोड़ सकता।”
उनके ये शब्द लाखों लड़कियों और महिलाओं को ताकत देने के लिए काफी हैं। इंटरनेट चाहे नफरत से भरा हो, लेकिन यह बदलाव का जरिया भी बन सकता है—अगर हम चाहें तो।
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