कर्नाटक के भाजपा विधायक RR Munirathna एक महीने तक कैद में रहने के बाद बुधवार को बेंगलुरु के परप्पना अग्रहारा केंद्रीय कारागार से बाहर आ गए। उनकी रिहाई एक 40 वर्षीय महिला द्वारा दायर बलात्कार मामले से संबंधित अदालत के आदेश के बाद हुई।
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RR Munirathna पर IPC और अत्याचार अधिनियम के तहत आरोप
RR Munirathna पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत कई आरोप हैं, जिनमें बलात्कार, यौन उत्पीड़न, ताक-झांक, आपराधिक धमकी, जबरन वसूली, दुश्मनी को बढ़ावा देना और एक महिला की विनम्रता का अपमान करना शामिल है। उन पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।
अदालत की शर्तें
RR Munirathna को पहले अत्याचार मामले में जमानत और आपराधिक धमकी के लिए अग्रिम जमानत मिल चुकी थी। एमपी/एमएलए के लिए विशेष अदालत ने उन्हें जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करने, जाने की अनुमति न मिलने तक अदालत के अधिकार क्षेत्र में रहने और गवाहों को धमकी देने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने से बचने का निर्देश दिया है।
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विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा पूछताछ के बाद मुनिरत्न को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एसआईटी उनके खिलाफ तीन मामलों की जांच कर रही है, जिनमें से दो बेंगलुरु के व्यालिकावल पुलिस स्टेशन में और एक मामला रामनगर के कग्गलीपुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज है। कोर्ट की निगरानी में जांच जारी है।
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