RBI ने लगातार दसवीं बार अपनी प्रमुख ब्याज दर अपरिवर्तित रखी है, इसकी घोषणा गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज की। श्री दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा।
इस बार निवर्तमान बाहरी सदस्यों के स्थान पर एमपीसी में तीन नए सदस्यों को शामिल किया गया। एमपीसी में शामिल नए बाहरी सदस्यों में दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक प्रोफेसर राम सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य और औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान के निदेशक और मुख्य कार्यकारी डॉ नागेश कुमार शामिल हैं।
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RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास
इस निर्णय की घोषणा आरबीआई की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक के बाद की गई, जो 7 अक्टूबर को शुरू हुई थी। श्री दास ने मौद्रिक नीति वक्तव्य में कहा, “मुद्रास्फीति कम हो रही है, लेकिन अभी भी काफी दूरी तय करनी है।”
मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और आर्थिक विकास को संतुलित करने के लिए आरबीआई द्वारा सतर्क रुख अपनाने के बाद से रेपो दर स्थिर बनी हुई है।
तीन आरबीआई और तीन बाहरी सदस्यों वाली समिति ने रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के लिए 5:1 से मतदान किया। इसने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरों में बदलाव किया था।
एमपीसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा।
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