होम संस्कृति Narak Chaturdashi 2024: जानिए इस दिन कौन से अनुष्ठान करने चाहिए

Narak Chaturdashi 2024: जानिए इस दिन कौन से अनुष्ठान करने चाहिए

Narak Chaturdashi के दिन शाम के समय यमराज के नाम का दीपक जलाना चाहिए और घर की दक्षिण दिशा को साफ रखना चाहिए।

Narak Chaturdashi 2024: छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी या नरक चौदस के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन, भक्त भगवान कृष्ण और मृत्यु के देवता यम की पूजा करते हैं।

छोटी Diwali पर दीये जलाना क्यों महत्वपूर्ण है? जानिए दीपक जलाने का महत्व

कहा जाता है कि जो लोग नरक चतुर्दशी के दिन यमराज के नाम पर दीपक जलाते हैं, वे यमलोक की दृष्टि से बचे रहते हैं और अकाल मृत्यु से सुरक्षित रहते हैं। साथ ही मान्यताओं के अनुसार, जो लोग इस दिन अभ्यंग स्नान करते हैं वे नरक में जाने से बच सकते हैं। नरक चतुर्दशी 2024 की तारीख और शुभ समय यहां जानें।

Narak Chaturdashi 2024: तिथि और पूजा मुहूर्त


Narak Chaturdashi 2024: Know which rituals should be performed on this day

दिवाली की तरह ही Narak Chaturdashi की तिथि को लेकर भी कुछ भ्रम है। दरअसल, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी।

चतुर्दशी के दिन प्रदोष काल में यमराज के लिए दीपक जलाए जाते हैं। इसलिए इस साल नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर, 2024 को मनाई जाएगी। हालाँकि, अभ्यंग स्नान (रूप चौदस) सुबह में किया जाता है जब चतुर्दशी तिथि सूर्योदय के समय शुरू होती है।

नरक चतुर्दशी यम दीपक समय: शाम 5:30 बजे – रात 7:02 बजे (30 अक्टूबर)
अभ्यंग स्नान का समय: सुबह 5:20 बजे – सुबह 6:32 बजे (31 अक्टूबर)

इस त्यौहार पर क्या करें?

इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और धन की देवी लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है।

इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करने और उसके बाद भगवान कृष्ण की पूजा करने की सलाह दी जाती है।

Narak Chaturdashi के दिन शाम के समय यमराज के नाम का दीपक जलाना चाहिए और घर की दक्षिण दिशा को साफ रखना चाहिए।

Narak Chaturdashi का भगवान कृष्ण से क्या संबंध है?

यह भी पढ़े: Diwali पर रंगोली का विशेष महत्व क्यों है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रूप चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था और लगभग 16,000 गोपियों को उसकी कैद से मुक्त कराया था।

Exit mobile version