Saraswati Mata Aarti एक हिंदू धार्मिक गीत है जो देवी सरस्वती की स्तुति में गाया जाता है। उन्हें ज्ञान, बुद्धि, कला, संगीत और विद्या की देवी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां सरस्वती की आरती करने से भक्तों को बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
जो लोग शुद्ध समर्पण के साथ ‘सरस्वती माता’ का भजन गाते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं देवी पूरी करती हैं। देवी हृदय से अंधकार को दूर कर अपने भक्तों को सही मार्ग दिखाती हैं।
Saraswati Mata Aarti:
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥
जय सरस्वती माता॥
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला॥
जय सरस्वती माता॥
देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥
जय सरस्वती माता॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो॥
जय सरस्वती माता॥
धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥
जय सरस्वती माता॥
माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।
हितकारी सुखकारी ज्ञान भक्ति पावे॥
जय सरस्वती माता॥
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता॥
सरस्वती पूजा कैसे करें?
सरस्वती पूजा करने के लिए सबसे पहले मां सरस्वती की मूर्ति को आसन पर रखें। आसन के नीचे पीले, नारंगी या सफेद रंग का कपड़ा रखें। मां सरस्वती को पीले या नारंगी रंग के फूल चढ़ाएं। फिर एक दीया जलाएं और सरस्व
आप देवी सरस्वती को प्रसाद के रूप में क्या चढ़ा सकते हैं?
मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए बूंदी, खीर, मालपुआ और मौसमी फल चढ़ाएं।
जय सरस्वती माता आरती का जाप करने के क्या लाभ हैं?
जय सरस्वती माता की आरती का नियमित जाप आपके मन को शांत करता है और आपकी आत्मा को शांत करता है। यह आपके शरीर को आराम भी देता है और बुराई को दूर रखता है। चूंकि माता सरस्वती बुद्धि और ज्ञान की देवी हैं, इसलिए आरती का नियमित पाठ भी आपके ज्ञान और बुद्धि को बढ़ाता है।
सरस्वती पूजन में क्या है वसंत पंचमी का महत्व?
वसंत पंचमी देवी सरस्वती को समर्पित उत्सव है जो ज्ञान, भाषा, संगीत और सभी भावों की देवी हैं। इसलिए, छात्रों को मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए और अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए आशीर्वाद लेना चाहिए।