Newsnowदेशसुप्रीम कोर्ट ने Pegasus मामले की सुनवाई 22 अप्रैल को तय की

सुप्रीम कोर्ट ने Pegasus मामले की सुनवाई 22 अप्रैल को तय की

सुप्रीम कोर्ट 22 अप्रैल 2025 को इस मामले की आगे की सुनवाई करेगा, जिसमें पेगासस स्पाइवेयर के कथित उपयोग और नागरिकों की निजता के उल्लंघन के आरोपों पर विचार किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने Pegasus जासूसी मामले की सुनवाई के लिए 22 अप्रैल 2025 की तिथि निर्धारित की है। यह मामला पत्रकारों, न्यायाधीशों, कार्यकर्ताओं और अन्य व्यक्तियों की निगरानी के लिए पेगासस स्पाइवेयर के कथित उपयोग से संबंधित है।

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7 मार्च 2025 को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई अप्रैल में करने का अनुरोध किया, जिसे न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने स्वीकार किया।

Supreme Court fixes Pegasus case hearing on April 22

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में इस मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आर. वी. रवींद्रन ने की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुछ मोबाइल उपकरणों में मैलवेयर की उपस्थिति पाई, लेकिन यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका कि यह पेगासस स्पाइवेयर था या नहीं।

अब, सुप्रीम कोर्ट 22 अप्रैल 2025 को इस मामले की आगे की सुनवाई करेगा, जिसमें पेगासस स्पाइवेयर के कथित उपयोग और नागरिकों की निजता के उल्लंघन के आरोपों पर विचार किया जाएगा।

Pegasus क्या है?

Supreme Court fixes Pegasus case hearing on April 22

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पेगासस एक स्पाइवेयर (Spyware) सॉफ्टवेयर है, जिसे इजरायली साइबर सुरक्षा कंपनी NSO Group द्वारा विकसित किया गया है। इसे विशेष रूप से सरकारी एजेंसियों को बेचा जाता है ताकि वे आतंकवाद और अपराध से लड़ने में सहायता कर सकें।

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