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SC कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति Yashwant Varma को इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजने की सिफारिश की

14 मार्च को एक बड़ा विवाद तब खड़ा हो गया जब जस्टिस Yashwant Varma के आवास पर कथित तौर पर नकदी से भरी बड़ी बोरियां पाई गईं। होली की रात करीब 11:35 बजे जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास पर आग लग गई, जिसके बाद दमकल विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और आग बुझाई।

जस्टिस Yashwant Varma के नकद विवाद में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर दिल्ली हाई कोर्ट के जज को इलाहाबाद हाई कोर्ट में वापस भेजने की सिफारिश की। सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस ओका की मौजूदगी वाले कॉलेजियम ने आधिकारिक बयान जारी किया है।

कोर्ट की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, “सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 20 और 24 मार्च 2025 को हुई अपनी बैठकों में दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में वापस भेजने की सिफारिश की है।”

दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति Yashwant Varma से सभी न्यायिक कार्य वापस लिए

SC Collegium recommends sending Justice Yashwant Verma to Allahabad High Court

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को न्यायमूर्ति Yashwant Varma से सभी न्यायिक कार्य वापस लेने की घोषणा की। न्यायालय ने अपनी वेबसाइट पर इस घटनाक्रम की घोषणा करते हुए एक नोटिस जारी किया। उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर दिन की कॉजलिस्ट से जुड़े एक नोट में कहा गया है कि न्यायमूर्ति वर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ-III के कोर्ट मास्टर सोमवार से पहले सूचीबद्ध मामलों में तारीखें तय करेंगे।

नोट में रजिस्ट्रार (लिस्टिंग) के हस्ताक्षर के साथ लिखा है, “हाल की घटनाओं को देखते हुए, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से न्यायिक कार्य तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक वापस लिया जाता है।”

सीजेआई ने 3 सदस्यीय समिति गठित की

शनिवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने आग की घटना के बाद उनके आवास से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की। समिति न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की आंतरिक जांच करेगी।

जांच समिति में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी एस संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल हैं। शीर्ष अदालत की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “फिलहाल दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपने के लिए कहा गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का जवाब और अन्य दस्तावेज सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं।”

नकदी बरामदगी विवाद

14 मार्च को एक बड़ा विवाद तब खड़ा हो गया जब जस्टिस Yashwant Varma के आवास पर कथित तौर पर नकदी से भरी बड़ी बोरियां पाई गईं। होली की रात करीब 11:35 बजे जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास पर आग लग गई, जिसके बाद दमकल विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और आग बुझाई।

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