आश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि और शनिवार का दिन है। पूर्णिमा तिथि रात 8 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। इसे पूर्णिमा को शरदपूर्णिमा कहा जाएगा। यह शरद ऋतु के आने का संकेत है। आश्विन महीने की इस पूर्णिमा को ‘कुमार पूर्णिमा‘ या ‘रास पूर्णिमा‘ भी कहते हैं। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात बड़ी ही खास होती है। शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर और मन को शुद्ध करके एक पॉजिटिव ऊर्जा प्रदान करते हैं।
शनिवार को पूरा दिन पूरी रात पार कर कल भोर 4 बजकर 26 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा | इस योग में जो कार्य भी शुरू किया जाएगा वह सिद्ध होगा अर्थात सफल होगा। इसके अलावा आज शाम 5 बजकर 58 मिनट तक अश्विनी नक्षत्र रहेगा |
कुछ खास उपाय करके महालक्ष्मी की कृपा पा सकते हैं।
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अगर आप पैसों से संबंधी किसी बात को लेकर परेशान हैं तो आज शाम को एक सफेद रंग के कपड़े में 5 कौड़ियां लेकर पोटली बांध लें और किसी ऐसी जगह पर रख दें, जहां चांद की रोशनी पड़ती हो। इस पोटली को रात भर वहीं पर रखा रहने दें। अगले दिन उस पोटली को उठाकर अपनी तिजोरी में रख लें।
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अगर आपको लगता है कि आपका मन बहुत कमजोर है तो ऐसी स्थिति से बचने के लिये आज आपको चन्द्र यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। इससे आपको पॉजिटिव फल प्राप्त होंगे। आप चांदी से बना चंद्र यंत्र ले सकते हैं या फिर भोजपत्र पर अष्टगंध से अनार की कलम से यंत्र बना सकते हैं, अगर आपके पास ये सब चीज़ें उपलब्ध न हो, तो आप एक सफेद कागज पर, लाल पेन की सहायता से यंत्र बना सकते हैं। यंत्र निर्माण के बाद उसका शुद्धिकरण करके उसकी प्राण–प्रतिष्ठा करनी चाहिए और उस पर चन्द्रदेव के 31 हजार से लेकर सवा लाख तक मंत्र जप कर सकते हैं। आप जितने ज्यादा मंत्र का जप करेंगे, यंत्र उतना ही प्रभावशाली होगा। इस सिद्ध चंद्र यंत्र गले में धारण करने से आप अपना काम पूरे कॉन्फिडेंस के साथ पूरा करेंगे।
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अगर पिछले काफी दिनों से लवमेट के साथ आपकी अनबन चल रही है, जिसके कारण आप डिप्रेशन में चले गए हैं और आपका ध्यान उस बात से हट नहीं रहा है, तो आज चांदी से बनी मोती की अंगूठी लेकर, उसे चंद्रमा के मंत्र से 108 बार अभिमंत्रित करें। मंत्र इस प्रकार है ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:’। इस प्रकार मंत्र से अंगूठी को अभिमंत्रित करने के बाद उसे एक कटोरी में डालकर चांद की रोशनी में रख दें और पूरी रात रखा रहने दें।…. अगले दिन सुबह स्नान के बाद उसे धारण कर लें। आप जल्द ही डिप्रेशन से बाहर आ जायेंगे और लवमेट के साथ आपकी अनबन खत्म हो जायेगी।
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अगर आप खुद को फैसले लेने में असमर्थ समझते हैं, तो आज शाम के समय श्री विष्णु भगवान के आगे घी का दीपक जलाएं। साथ ही उनके आगे हाथ जोड़कर प्रणाम करें और कुछ देर ध्यान की मुद्रा में बैठें। आज ऐसा करने से आप अपने कारोबार संबंधी फैसले लेने में समर्थ होंगे।
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अगर आपके जीवनसाथी का मन इधर–अधर भागता रहता है या वो आप पर और आपकी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, तो आज अपने पलंग के चारों पायों पर चांदी का तार बांध दें और साथ ही अपने गले में मोती की माला धारण करें।
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अगर आप अपने घर की सुख–समृद्धि में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो शरद पूर्णिमा के दिन सुबह के समय भगवान श्री विष्णु की पूजा में एक लोटा जल भरकर रखें और उस लोटे में थोड़े–से चावल डालें। साथ ही लोटे की गर्दन पर एक कलावा या मौली बांधें। फिर उस पर रोली–चावल का तिलक लगाएं और धूप–दीप आदि से भगवान की पूजा करें। जल से भरे उस लोटे को पूजा के बाद भी वहीं रखा रहने दें और शाम को चन्द्रोदय होने पर उस जल से चन्द्रमा को अर्घ्य दें। ऐसा करने से आपके घर की सुख–समृद्धि में बढ़ोतरी होगी।
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अगर दूसरों की बातों को जल्द ही दिल पर ले लेते हैं और सारा दिन उसी बात को लेकर सोचते रहते हैं, तो आज शाम को दोनों हाथ जोड़कर चंद्रदेव को प्रणाम करें। फिर वहीं पर बैठकर उनके इस मंत्र का जप करें। मन्त्र है – ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:’। आज के दिन इस मंत्र का 1008 बार जप करना चाहिए। अगर आप इतनी बार न कर सकें, तो 108 बार करें, लेकिन करें जरूर।