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TMC को झटकाः बीजेपी में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी, अमित शाह ने किया स्वागत

ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के करीबी और प्रदेश के परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी (suvendu adhikari) ने कुछ दिन पहले टीएमसी (TMC) से इस्तीफा दिया था।

पश्चिम बंगाल में शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की रैली के दौरान टीएमसी (TMC) के पूर्व नेता सुवेंदु अधिकारी (suvendu adhikari) ने बीजेपी (BJP) का दामन थाम लिया। कई दिनों से अधिकारी के बीजेपी में जाने की अटकले थीं। शाह ने सुवेंदु अधिकारी का बीजेपी में स्वागत किया. शाह ने टीएमसी (TMC) प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा, “क्यों इतने सारे लोग तृणमूल कांग्रेस (TMC) छोड़ रहे हैं. इसके पीछे ममता का कुशासन, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद है. दीदी यह तो सिर्फ आगाज है, चुनाव आने तक आप अलग-थलग पड़ जाएंगी.” 

ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के करीबी और प्रदेश के परिवहन मंत्री अधिकारी ने कुछ दिन पहले टीएमसी से इस्तीफा दिया था। अधिकारी के पिता और भाई भी टीएमसी से सांसद हैं। हालांकि, उन्होंने सुवेंदु के पार्टी छोड़ने पर चुप्पी साध रखी है लेकिन माना जा रहा है कि जल्दी ही वे भी पार्टी का साथ छोड़ देंगे।

संकीर्ण राजनीति बंद करें ममता

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्षेत्रवाद की “संकीर्ण” राजनीति करने वालों की आलोचना की. शाह ने कहा, “जो लोग बंगाल में संकीर्ण राजनीति कर रहे हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि खुदीराम बोस पर जितना गर्व बंगाल को है उतना ही पूरे देश को है.” भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जो लोग क्षेत्रवाद की राजनीति कर रहे हैं उन्हें इससे बाज आना चाहिए.बोस के पैतृक निवास पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए शाह ने कहा कि जब बोस को 1908 में अंग्रेजों द्वारा फांसी पर लटकाया जा रहा था तब उन्होंने ‘वंदे मातरम’ का उद्घोष कर देश के युवाओं को प्रेरित किया था.

ममता से क्यों नाराज हैं सुवेंदु?

सुवेंदु ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की सरकार में परिवहन मंत्री थे। उन्होंने 27 नवंबर को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अटकलें थीं कि बीजेपी (BJP) के शीर्ष नेतृत्व से संपर्क होने के बाद सुवेंदु ने अपना पद छोड़ा था। सुवेंदु की नाराजगी की वजह पार्टी के दूसरे नेताओं की तुलना में ममता बनर्जी का अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को अधिक अहमियत देना माना जा रहा है। ममता अघोषित रूप से अभिषेक बनर्जी को अपना उत्तराधिकारी बना चुकी हैं। सुवेंदु जैसे पार्टी के कद्दावर नेता इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है। शुभेंदु ने खुल कर कभी भी पार्टी प्रमुख के खिलाफ कुछ नहीं कहा है लेकिन तृणमूल के अंदर वह लगातार निशाने पर रहे हैं।

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