तुर्किए में एक बार फिर धरती कांपी है। रिक्टर स्केल पर Earthquake की तीव्रता 6.2 मापी गई है, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों की ओर भागे। हालांकि, अभी तक किसी जानमाल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है।
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प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है और राहत-बचाव दल अलर्ट पर हैं। भूकंप का केंद्र स्थल और अधिक जानकारी के लिए अधिकारी भूकंप वैज्ञानिकों से संपर्क में हैं। इस भूकंप के झटके तुर्किए के कई हिस्सों में महसूस किए गए, खासकर दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में कंपन की तीव्रता ज्यादा रही। स्थानीय समयानुसार यह झटका दोपहर के समय आया, जब अधिकांश लोग अपने रोजमर्रा के कार्यों में व्यस्त थे। सोशल मीडिया पर लोग भूकंप के अनुभव साझा कर रहे हैं, जिनमें कईयों ने बताया कि दीवारों में दरारें आ गईं और फर्नीचर हिलने लगा।
आपदा प्रबंधन विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रभावित इलाकों में अपनी टीमें रवाना कर दी हैं। अस्पतालों और इमरजेंसी सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तीव्रता का भूकंप संभावित रूप से नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन यदि इमारतें भूकंप-रोधी मानकों के अनुसार बनी हों, तो खतरा कम हो सकता है।
अधिकारियों ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। साथ ही, नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।
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28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में Earthquake के झटके महसूस किए गए थे
इससे पहले म्यांमार और थाईलैंड में 28 मार्च को Earthquake के तेज झटके महसूस किए गए थे रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.7 मापी गई थी, जो इसे एक अत्यंत शक्तिशाली भूकंप बनाता है। इस प्राकृतिक आपदा का सबसे अधिक प्रभाव म्यांमार में देखा गया, जहां हजारों लोगों की जान चली गई और लाखों लोग बेघर हो गए।
थाईलैंड में भी इस भूकंप का असर गंभीर रहा, जहां करीब दो सौ लोगों की मौत हुई और कई महत्वपूर्ण संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। मकान, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे बुरी तरह प्रभावित हुए, जिससे जनजीवन ठप हो गया।
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