Supreme Court ने गुरुवार को एनसीपी के अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को नोटिस जारी कर आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए “घड़ी” चिन्ह के इस्तेमाल को लेकर एनसीपी के शरद पवार गुट द्वारा दायर याचिका पर जवाब मांगा। शीर्ष अदालत ने अजित पवार गुट को एक नया हलफनामा दायर करने को कहा “कि उसने प्रतीक के उपयोग पर शीर्ष अदालत के पिछले निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया है या भविष्य में उल्लंघन नहीं करेगा।”
Supreme Court ने अवमानना मामले की चेतावनी दी
शीर्ष अदालत ने आज चेतावनी दी कि अगर उसे पता चला कि उसके पिछले आदेशों का उल्लंघन किया गया है तो उसके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाएगा और कहा कि वह उम्मीद करती है कि दोनों पक्ष उसके आदेशों का पालन करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट को घड़ी का चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) देने के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ शरद पवार द्वारा दायर याचिका पर कई निर्देश जारी किए थे।
Supreme Court ने अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा गुट को सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के संदर्भ में यह वचन देने का निर्देश दिया था कि वे पोस्टरों में शरद पवार के नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इससे पहले जस्टिस सूर्यकांत और के.वी. की पीठ ने विश्वनाथन ने मामले की सुनवाई की और अजीत पवार गुट से बिना शर्त आश्वासन देने को कहा कि वह अपने सदस्यों को शरद पवार की तस्वीर का उपयोग करने से रोकेंगे। पीठ ने अजित पवार गुट से कहा कि अब जब आप दो अलग-अलग संस्थाएं हैं तो केवल अपनी पहचान के साथ ही जाएं।
SC ने अजीत पवार गुट को नोटिस जारी करने के लिए कहा
Supreme Court ने राकांपा के अजीत पवार गुट को हिंदी, मराठी और अंग्रेजी में समाचार पत्रों में सार्वजनिक नोटिस जारी करने के लिए भी कहा, जिसमें यह सूचित किया जाए कि घड़ी प्रतीक का आवंटन इस अदालत के समक्ष विचाराधीन है और उन्हें केवल इस अदालत के अंतिम आदेश के अधीन ही प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति दी गई है।
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