Telangana सरकार ने अनुसूचित जातियों (एससी) के उप-वर्गीकरण को अधिसूचित कर देश में पहली बार इस तरह की पहल की है। 14 अप्रैल 2025 को, डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर, राज्य सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी किया, जिससे यह निर्णय प्रभावी हुआ।
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वर्गीकरण का विवरण:
- समूह-1: 15 सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से वंचित एससी समुदायों को 1% आरक्षण।
- समूह-2: 18 मध्यम रूप से लाभान्वित समुदायों को 9% आरक्षण।
- समूह-3: 26 अपेक्षाकृत अधिक लाभान्वित समुदायों को 5% आरक्षण।
यह वर्गीकरण राज्य के कुल 15% एससी आरक्षण के भीतर किया गया है।
पृष्ठभूमि और प्रक्रिया:
राज्य सरकार ने अक्टूबर 2024 में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस शमीम अख्तर की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था, जिसने 59 एससी समुदायों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन कर यह सिफारिश की।
फरवरी 2025 में Telangana विधानमंडल ने “अनुसूचित जाति (आरक्षण का युक्तिकरण) विधेयक, 2025” पारित किया, जिसे 8 अप्रैल को राज्यपाल की मंजूरी मिली और 14 अप्रैल को राजपत्र में प्रकाशित किया गया।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय:
1 अगस्त 2024 को, सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी के भीतर उप-वर्गीकरण को मंजूरी दी, जिससे राज्यों को डाटा के आधार पर एससी-एसटी के अंतर्गत आरक्षण के अंदर उप-वर्गीकरण का अधिकार मिला।
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राजनीतिक प्रतिक्रिया:
Telangana सरकार के इस निर्णय को विभिन्न राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है, हालांकि कुछ दलित समूहों ने इस पर आपत्ति जताई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।