हैदराबाद: कर्नाटक के बाद तेलंगाना Caste Census करने वाला दूसरा कांग्रेस शासित राज्य बन जाएगा – यह प्रक्रिया 6 नवंबर से 30 नवंबर तक जारी रहेगी। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने उच्च के आदेशों के बाद पिछड़ी जाति आयोग के गठन का भी आदेश दिया है। न्यायालय, जो चाहता था कि नया आयोग स्थानीय निकायों के चुनावों में उनके लिए कोटा सुनिश्चित करे।
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5 नवंबर को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जाति जनगणना पर एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए तेलंगाना में होंगे। उम्मीद है कि श्री गांधी इस मामले पर संघों, छात्र संगठनों और बुद्धिजीवियों से मुलाकात कर उनके विचार लेंगे।
इस बार Caste Census की सामाजिक-आर्थिक रूपरेखा एकत्र की जाएगी
पिछड़ी जातियों का पिछला पैनल 1993 के कानून पर आधारित था और उसे केवल शिक्षा और रोजगार कोटा पर डेटा इकट्ठा करने का अधिकार था। सूत्रों ने बताया कि इस बार जनगणना में सभी जातियों का सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल इकट्ठा किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि सर्वेक्षण के लिए 48,000 शिक्षकों को तैनात किया जाएगा, जिसके लिए प्राथमिक विद्यालय इस महीने केवल आधे दिन काम करेंगे। वे घर-घर जाकर सर्वे कर आंकड़े जुटाएंगे। इसमें सामाजिक, शिक्षा, रोजगार, आर्थिक और राजनीतिक डेटा शामिल होगा। सरकारी अमला दरवाजों पर स्टीकर लगाएगा। इसमें 85,000 प्रगणक और पर्यवेक्षक होंगे।
Caste Census कांग्रेस द्वारा किए गए प्रमुख चुनाव संबंधी वादों में से एक थी। एक टिप्पणी करना उस समय, कांग्रेस अभियान का नेतृत्व कर रहे श्री रेड्डी ने एक खुले पत्र में कहा था कि केवल जाति जनगणना ही पिछड़े वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करेगी।
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