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White Hair Treatment: सफेद बालों को करें आयुर्वेदिक तरीके से काला, जानें कैसे।

उम्र बढ़ने के साथ बालों का सफेद (White Hair)होना प्राकृतिक प्रक्रिया है. बाल सफेद इसलिए होते हैं क्योंकि बालों को रंग देने वाले मेलानिन का उत्पादन उम्र के साथ कम होने लगता है

Turn white hair to black in Ayurvedic way know how
बालों के समय से पहले सफेद (White Hair) होने का कोई सटीक कारण नहीं है

White Hair Treatment: पित्त शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है और भूख को नियंत्रित करता है. इसमें असंतुलन होने से समय से पहले बाल सफेद होना, दृष्टि संबंधित समस्याएं, बुखार आदि समस्याएं हो सकती हैं…

उम्र बढ़ने के साथ बालों का सफेद (White Hair)होना प्राकृतिक प्रक्रिया है. बाल सफेद इसलिए होते हैं क्योंकि बालों को रंग देने वाले मेलानिन का उत्पादन उम्र के साथ कम होने लगता है और ऐसे में जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे वैसे बाल सफेद होते जाते हैं. हालांकि समय से पहले बालों का सफेद होना (White Hair) किसी बड़ी समस्या से कम नहीं है. हार्मोनल और वातावरणीय कारणों की वजह से कम उम्र में बालों के सफेद होने की समस्या होने लगती है. 

वैसे तो बालों के समय से पहले सफेद (White Hair) होने का कोई सटीक कारण नहीं है, लेकिन कुछ ऐसी स्थितियां हैं जिनको इस समस्या से जोड़कर देखा जा सकता है. इसमें आनुवंशिक कारक, हाइपोथायरायडिज्म, प्रोटीन की कमी, मिनरल्स की कमी, विटामिन की कमी, विटिलिगो, तनाव, दवाओं के साइड इफेक्ट आदि शामिल हैं. महिला हो या पुरुष, दोनों ही इस समस्या से जूझ रहे हैं और कम उम्र में ही हेयर डाई (Hair Dye) या कलर (Color) आदि का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.

आयुर्वेद (Ayurveda) में बालों को झड़ने को खालित्य और बालों के समय से पहले सफेद होना पलतिया के रूप में जाना जाता है. खालित्य और पलतिया दोनों को शुद्ध पाटिक विकार माना जाता है जिसका मतलब पित्त दोष असंतुलन से है. बता दें, पित्त शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है और भूख को नियंत्रित करता है. इसमें असंतुलन होने से समय से पहले बाल सफेद होना (White Hair), दृष्टि संबंधित समस्याएं, बुखार आदि समस्याएं हो सकती हैं.

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कॉपर डाइट

आहार में कॉपर (तांबे) की कमी के कारण कभी-कभी बाल सफेद होने लगते हैं. आयुर्वेद के मुताबिक कॉपर डाइट सफेद बालों (White Hair) के लिए अच्छा होता है. तांबा शरीर में मेलानिन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मेलानिन त्वचा के रंग के अलावा बालों के रंग के लिए भी जरूरी है. तांबे में समृद्ध खाद्य पदार्थों में मशरूम, काजू, तिल, बादाम, दाल, चिया के बीज, एवोकाडो, किशमिश, साबुत अनाज, राजमा, सोयाबीन, हरी पत्तेदार सब्जियां, मीट, काली मिर्च आदि शामिल हैं.

भृंगराज है फायदेमंद

भृंगराज बालों की वृद्धि को बढ़ावा देता है और बालों को काला तथा चमकदार बनाता है. यह बालों को सफेद होने से रोकता है. साथ ही मस्तिष्क को शांत रखने में भी मदद करता है. इससे मालिश करने से नींद भी अच्छी आती है.

आंवला पाउडर और नारियल तेल

2 चम्मच आंवला पाउडर और 3 चम्मच नारियल तेल को एक बर्तन में लें और पाउडर घुल जाने तक गर्म करें. तेल ठंडा हो जाए, तो इसे बालों की जड़ों में लगाकर मसाज करें. रात भर इसे बालों में लगा रहने दें. यह प्रक्रिया सप्ताह में दो-तीन बार दोहराएं.

सरसों के तेल और अरंडी का तेल

1 चम्मच अरंडी का तेल और 2 चम्मच सरसों का तेल मिलाकर कुछ सेकंड के लिए गर्म करें और इसे बालों की जड़ों में लगाएं. अरंडी के तेल में प्रोटीन की उच्च मात्रा बालों को टूटने से बचाती है और सरसों के तेल में मौजूद जिंक, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और सेलेनियम इन्हें चमकदार बनाने में मदद करते हैं. इसके सही पोषण के कारण बाल काले बने रहते हैं.

कलौंजी के बीज और जैतून का तेल

प्राचीन काल से ही कलौंजी के बीज और जैतून के तेल का मिश्रण बालों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. यह न केवल बालों को काला रखने में मदद करता है बल्कि इसे पोषण भी देता है. 

अस्वीकरण : यहां पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार के लिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के ना करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको होने वाले किसी भी तरह से संभावित नुकसान के लिए Newsnow जिम्मेदार नहीं होगा।

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