नई दिल्ली: Manipur के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार देर रात सामने आई हिंसा की ताज़ा घटनाओं में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। मृतक कथित तौर पर क्वाक्टा क्षेत्र के मैतेई समुदाय से हैं।
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हिंसा की ताज़ा घटनाओं में कुकी समुदाय के कई घर भी जला दिए गए जिसके बाद बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा इलाके में कुकी समुदाय और सुरक्षा बलों के बीच भारी गोलीबारी हुई।
Manipur के बिष्णुपुर जिले मे देर रात भड़की हिंसा!
स्थानीय लोगों के अनुसार, मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में आज सुबह ताजा हिंसा में पिता-पुत्र सहित तीन निहत्थे ग्रामीणों की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों ने देर रात करीब दो बजे बिष्णुपुर के क्वाक्टा के पास उखा तंपक गांव पर धावा बोल दिया और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
फायरिंग में मणिपुर के एक कमांडो के सिर में चोट लग गई। जिसके बाद कमांडो को बिष्णुपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया। हिंसा की ताजा घटनाओं के बाद बिष्णुपुर में स्थिति काफी गंभीर है। इलाके में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है.
Buffer zone में हुई फायरिंग
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घटना ने बड़ी चिंता पैदा कर दी है क्योंकि हमलावर केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा संचालित पहाड़ियों और घाटियों के बीच बफर जोन को पार कर मैतेई इलाके में आये और उन पर गोलीबारी की।
इससे दो दिन पहले गुरुवार को मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में सशस्त्र बलों और मैतेई समुदाय के प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 17 लोग घायल हो गए थे।
Manipur में पिछले तीन महीने से जारी है जातीय हिंसा
लगभग तीन महीने पहले पूर्वोत्तर राज्य Manipur में जातीय हिंसा भड़क उठी थी, तब से अब तक 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं।
मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़क उठी।
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मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।