एक्सपेरिमेंट के चक्कर में पॉपुलर हुई बबल टी के बारे में ये फैक्ट्स

ताइवान में उत्पत्ति:   बबल टी की शुरुआत 1980 के दशक में ताइवान में हुई थी। यह सबसे पहले ताइचुंग शहर में बनाई गई थी और जल्दी ही लोकप्रिय हो गई।

टैपिओका मोती:   बबल टी का मुख्य आकर्षण इसके चबाने योग्य टैपिओका मोती (बोबा) हैं, जो कैसावा स्टार्च से बनाए जाते हैं। ये मोती चाय में एक अद्वितीय बनावट और स्वाद जोड़ते हैं।

अनेकों फ्लेवर:  बबल टी कई फ्लेवर में आती है, जैसे कि क्लासिक दूध चाय, फल आधारित चाय, और यहां तक कि कॉफी फ्लेवर। हर किसी की पसंद के अनुसार फ्लेवर उपलब्ध होते हैं।

कैफे संस्कृति:   बबल टी कैफे एक महत्वपूर्ण सामाजिक स्थल बन गए हैं, जहां लोग मिलते हैं, बात करते हैं और समय बिताते हैं। ये कैफे युवा पीढ़ी के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय हैं।

विश्वव्यापी लोकप्रियता:   बबल टी एशिया से बाहर निकलकर अब पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गई है। अमेरिका, यूरोप, और अन्य देशों में भी इसकी बड़ी मांग है।

स्वास्थ्य विवाद:   बबल टी के स्वास्थ्य प्रभावों पर विवाद हैं। इसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे टैपिओका मोती और स्वीटनर की उच्च मात्रा के कारण इसे कभी-कभी अस्वास्थ्यकर माना जाता है। 

हालांकि, इसमें उपयोग होने वाले ताजे फलों और चाय के स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं।