अमिताभ बच्चन ने 'सात हिन्दुस्तानी'(1969) से बॉलीवुड में अपना कदम रखा था. यह फिल्म उनके करियर की सुपर फ्लॉप फिल्मों में से एक निकली.
इसके बाद उन्होंने 'रेशमा और शेरा'(1972) की जिसमें गूंगे का रोल निभाया वो फ्लॉप निकली. हालांकि राजेश खन्ना संग 'आनंद'(1971) फिल्म करने के बाद उन्हें पहचान मिली.
लेकिन इस फिल्म के अमिताभ ने दर्जनभर फ्लॉप फ़िल्मों की ऐसी लाइन लगी कि मुंबई के निर्माता निर्देशक उन्हें फिल्म में लेने से कतराने लगे. वह एक फिल्म को पाने को तरसने लगे.
जब अमिताभ को फिल्में मिलनी बंद हो गईं तब जाकर डायरेक्टर प्रकाश मेहरा उनके लिए बड़ा रिस्क लिया और 'जंजीर'(1973) बनाई.
इस फिल्म में अमिताभ को कास्ट करने पर प्रकाश मेहरा को खूब ताने सुनने पड़े थे.
हालांकि उन्हें यकिन था इस बार अमिताभ के साथ चमत्कार होगा और हुआ भी. फिल्म 'जंजीर' सुपरहिट निकली और इस फिल्म से अमिताभ को अलग ही पहचान दी.