चुकंदर का जूस:  व्यायाम और योग: नियमित रूप से हल्के व्यायाम और योग करना जोड़ों की गतिशीलता और मजबूती बढ़ाने में सहायक हो सकता है।

वजन नियंत्रण:  स्वस्थ वजन बनाए रखना जोड़ों पर दबाव कम करता है, खासकर घुटनों, कूल्हों और रीढ़ पर। वजन कम करने से दर्द में कमी आ सकती है।

डाइट और सप्लिमेंट्स:   एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड, फल और सब्जियां, और हड्डियों को मजबूत बनाने वाले कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर आहार लेना लाभकारी हो सकता है।

गर्म और ठंडे पैक का उपयोग:    दर्द वाले क्षेत्र पर गर्म या ठंडे पैक का प्रयोग करने से सूजन और दर्द में आराम मिल सकता है। ठंडा पैक सूजन को कम करने में मदद करता है, जबकि गर्म पैक रक्त प्रवाह बढ़ाने में मदद करता है।

मेडिटेशन और माइंडफुलनेस:   मानसिक तनाव और चिंता जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकते हैं।

दवाइयां और चिकित्सा उपचार:   डॉक्टर द्वारा बताई गई दर्द निवारक दवाइयाँ, एंटी-इंफ्लेमेटरी मेडिकेशन, या फिजिकल थेरेपी जैसी चिकित्सा उपचार भी दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।