ब्रोकली में सल्फोराफेन नामक एक यौगिक होता है, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा कर सकता है। यह ब्रोकोली के साथ अन्य क्रूसिफेरस सब्जियों में भी पाया जाता है, जैसे कि फूलगोभी और गोभी।

टमाटर में लाइकोपीन नामक एक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो प्रोस्टेट, फेफड़े, और पेट के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। टमाटर को पकाने से लाइकोपीन की उपलब्धता बढ़ जाती है।

गाजर में बीटा-कैरोटीन और फालकारिनोल होता है, जो फेफड़े, मुंह, और पेट के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।

पालक में ल्यूटिन और ज़ीएक्सैन्थिन जैसे कैरोटेनॉइड होते हैं, जो त्वचा और पेट के कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। इसमें फाइबर और फोलेट भी होते हैं, जो डीएनए की मरम्मत में मदद करते हैं।

लहसुन में सल्फर यौगिक होते हैं, जो पेट और कोलन के कैंसर के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं। लहसुन की नियमित खपत से प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है।

बिट में बीटालैन्स होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं और कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोक सकते हैं। इसमें फोलेट और मैग्नीशियम भी होता है।

शिमला मिर्च में विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं और फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करके कैंसर के जोखिम को कम करते हैं।