Dengue बुखार एक गंभीर मच्छर जनित बीमारी है। हालांकि, ज्यादातर लोग डेंगू से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों में इसके दीर्घकालिक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। ये प्रभाव व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं और बीमारी की गंभीरता पर भी निर्भर करते हैं।
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Dengue के कुछ सामान्य दीर्घकालिक प्रभाव
- थकान: डेंगू से उबरने के बाद कई लोगों को लंबे समय तक थकान महसूस होती है।
- मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द: कुछ लोगों को मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की समस्या लंबे समय तक रह सकती है।
- सिरदर्द: डेंगू के बाद सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है।
- मनोदशा में बदलाव: डेंगू के बाद कुछ लोगों में अवसाद या चिंता जैसे मनोदशा में बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
- त्वचा संबंधी समस्याएं: डेंगू के बाद त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते या अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
- हृदय संबंधी समस्याएं: गंभीर डेंगू के मामलों में हृदय संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि हृदय की मांसपेशियों में कमजोरी या दिल की धड़कन में अनियमितता।
- न्यूरोलॉजिकल समस्याएं: कुछ मामलों में डेंगू के बाद न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि मस्तिष्क ज्वर या मस्तिष्क में सूजन।
Dengue के दीर्घकालिक प्रभावों को कम करने के लिए उपाय
- आराम: डेंगू से उबरने के लिए पर्याप्त आराम लें।
- पोषण: संतुलित आहार लें जिसमें प्रोटीन, विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में हों।
- दवाएं: डॉक्टर की सलाह पर दर्द निवारक दवाएं लें।
- मनोवैज्ञानिक सहायता: यदि आपको अवसाद या चिंता की समस्या है तो मनोवैज्ञानिक सहायता लें।
- नियमित जांच: डेंगू के बाद नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं।
यदि आपको Dengue के बाद कोई भी दीर्घकालिक प्रभाव महसूस हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
Dengue से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है मच्छरों से बचाव करना। इसके लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
- मच्छरदानी का उपयोग करें
- मच्छर भगाने वाली क्रीम या लोशन का उपयोग करें
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें
- फुल कपड़े पहनें
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यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे किसी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा किसी डॉक्टर से सलाह लें।