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Eyesight कमजोर होने के क्या करण होते हैं? इसकी सुरक्षा के लिए हम क्या उपाय कर सकते हैं?

आंखों की सेहत को बनाए रखना आज के समय में चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन अगर हम सही दिशा-निर्देशों का पालन करें और अपनी आंखों का उचित ध्यान रखें, तो हम आंखों की कमजोरी से बच सकते हैं।

Eyesight की मदद से हम अपने चारों ओर की दुनिया को देख और समझ पाते हैं। लेकिन आजकल की जीवनशैली, प्रदूषण, और डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग Eyesight का मुख्य कारण बनता जा रहा है। आंखों की सुरक्षा को लेकर जागरूक होना आज के समय की जरूरत है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि आंखें कमजोर होने के क्या कारण होते हैं और हमें अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।

आंखों की कमजोरी के कारण

What are the reasons for weak eyesight

Eyesight या दृष्टि दोष कई कारणों से हो सकता है। इनमें से कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:

आयु (Age)

Eyesight का सबसे सामान्य कारण आयु बढ़ना है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, आंखों की दृष्टि पर इसका असर पड़ता है। 40 वर्ष की आयु के बाद आंखों की प्राकृतिक दृष्टि क्षमता कमजोर होने लगती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसे मेडिकल भाषा में

प्रेस्बायोपिया

इस स्थिति में निकट की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख पाना कठिन हो जाता है।

अनुवांशिक कारण (Genetic Factors)

यदि आपके परिवार में किसी को आंखों से संबंधित समस्या है, तो यह संभावना रहती है कि आपको भी यही समस्या हो सकती है। जैसे, अगर माता-पिता को निकट दृष्टि दोष (myopia) है, तो संतानों में भी यह दोष होने की संभावना बढ़ जाती है। यह आनुवांशिक गुणों के कारण होता है।

अत्यधिक डिजिटल उपकरणों का उपयोग (Excessive Use of Digital Devices)

आजकल कंप्यूटर, मोबाइल, और टीवी का अत्यधिक उपयोग Eyesight का मुख्य कारण बनता जा रहा है। लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठने से आंखों में तनाव (eye strain) होता है, जिसे डिजिटल आई स्ट्रे या कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम कहा जाता है। स्क्रीन की तेज रोशनी और लगातार नजदीक से देखने के कारण आंखों पर दबाव पड़ता है, जिससे दृष्टि Eyesight हो सकती है।

अन्य बीमारियां (Other Health Conditions)

What are the reasons for weak eyesight

कुछ विशेष बीमारियां भी आंखों की कमजोरी का कारण बन सकती हैं। उदाहरण के लिए, मधुमेह (diabetes) आंखों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है और इससे डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे आंखों की Eyesight हो सकती है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप (high blood pressure) भी आंखों की नसों को प्रभावित कर सकता है

पोषण की कमी (Nutritional Deficiencies)

Eyesight का एक अन्य महत्वपूर्ण कारण पोषक तत्वों की कमी हो सकता है। विशेष रूप से विटामिन ए की कमी से आंखों की दृष्टि प्रभावित होती है। विटामिन ए की कमी से रात का अंधापन (night blindness) हो सकता है और Eyesight धीरे-धीरे कमजोर हो सकती है।

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आंखों की देखभाल न करना (Negligence in Eye Care)

अगर हम अपनी आंखों की देखभाल ठीक से नहीं करते हैं, तो इससे भी Eyesight हो सकती है। जैसे, नियमित रूप से आंखों की जांच न कराना, आंखों को ज्यादा देर तक धूप में रखना, या धूल-गंदगी से बचाव न करना, आदि कारणों से आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

आंखों की चोट या संक्रमण (Eye Injuries or Infections)

कभी-कभी किसी प्रकार की चोट या संक्रमण के कारण भी Eyesight हो सकती है। चोट या संक्रमण से आंखों की नसें प्रभावित होती हैं, जिससे दृष्टि कमजोर हो सकती है।

आंखों की सुरक्षा के उपायआंखों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के लिए कुछ खास उपाय अपनाए जा सकते हैं। यदि हम इन उपायों का पालन करें, तो Eyesight से बचा जा सकता है और आंखों की सेहत को बनाए रखा जा सकता है।

स्वस्थ आहार (Healthy Diet)

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स्वस्थ आंखों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना बहुत जरूरी है। अपनी डाइट में उन चीजों को शामिल करें जिनमें विटामिन ए, सी, और ई, जिंक, ओमेगा-3 फैटी एसिड, और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा हो। यह पोषक तत्व आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, गाजर, मछली, अंडे, और फलों का सेवन करना फायदेमंद होता है।

स्क्रीन टाइम को सीमित करना (Limiting Screen Time)

आज के डिजिटल युग में हमें कंप्यूटर, मोबाइल, और टीवी से पूरी तरह दूर रहना मुश्किल है, लेकिन इनके उपयोग को सीमित करके हम अपनी आंखों की सुरक्षा कर सकते हैं। हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर की चीजों को देखें। इसे 20-20-20 नियम कहा जाता है, जो आंखों के तनाव को कम करने में मदद करता है।

सूरज की तेज रोशनी से बचाव (Protection from Sunlight)

सूरज की तेज किरणें आंखों के लिए हानिकारक हो सकती हैं। जब भी बाहर धूप में जाएं, अच्छे क्वालिटी के सनग्लासेज पहनें, जो यूवी किरणों से आपकी आंखों की रक्षा करें। यह न केवल आपकी आंखों को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है, बल्कि दृष्टि दोष से भी बचाता है।

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आंखों को आराम देना (Giving Eyes Rest)

लंबे समय तक पढ़ाई या कंप्यूटर पर काम करने से आंखों पर दबाव बढ़ता है। इसलिए, समय-समय पर आंखों को आराम देना जरूरी है। काम के दौरान थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रेक लें और आंखों को बंद करके आराम दें। इससे आंखों का तनाव कम होता है और दृष्टि में सुधार होता है।

आंखों की नियमित जांच (Regular Eye Checkup)

आंखों की समय-समय पर जांच कराना बेहद जरूरी है। अगर आपको कोई भी दृष्टि दोष महसूस होता है, तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श लें। नियमित आंखों की जांच से किसी भी समस्या का प्रारंभिक चरण में ही पता चल जाता है, जिससे गंभीर समस्या से बचा जा सकता है।

धूल और प्रदूषण से बचाव (Protection from Dust and Pollution)

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धूल और प्रदूषण से आंखों में जलन और संक्रमण हो सकता है। इसलिए, बाहर जाते समय आंखों को धूल और गंदगी से बचाएं। धूप का चश्मा या सुरक्षात्मक आई गियर पहनें, ताकि आपकी आंखें सुरक्षित रहें।

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धूम्रपान छोड़ना (Quit Smoking)

धूम्रपान न केवल फेफड़ों के लिए हानिकारक होता है, बल्कि आंखों की सेहत पर भी बुरा असर डालता है। धूम्रपान से आंखों की नसें कमजोर होती हैं और इससे दृष्टि दोष का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए धूम्रपान से पूरी तरह बचें।

पानी का पर्याप्त सेवन (Adequate Hydration)

आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है। पानी की कमी से आंखें सूख सकती हैं, जिससे आंखों में जलन और थकान महसूस हो सकती है। इसलिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

नेत्र व्यायाम (Eye Exercises)

आंखों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित नेत्र व्यायाम करना भी महत्वपूर्ण है। आंखों को दाएं-बाएं, ऊपर-नीचे घुमाना और कुछ समय के लिए किसी दूर की वस्तु पर ध्यान केंद्रित करना आंखों के लिए लाभदायक होता है। यह आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करता है और दृष्टि को बेहतर बनाता है।

संपर्क लेंस और चश्मे की साफ-सफाई (Cleaning of Contact Lenses and Glasses)

अगर आप चश्मा या संपर्क लेंस का इस्तेमाल करते हैं, तो उसकी नियमित सफाई का ध्यान रखें। गंदे लेंस या चश्मे से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे आंखों में समस्याएं हो सकती हैं।

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