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Obesity क्या है? और यह किस कारण होता है

मोटापे के कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस लेख में हम मोटापा क्या है, यह कैसे बढ़ता है, इसे कम करने के तरीके और मोटापा किन-किन बीमारियों का कारण बन सकता है, इन सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

मोटापा तब होता है जब शरीर में अत्यधिक चर्बी जमा हो जाती है

Obesity आजकल एक आम समस्या बनती जा रही है, जिसका सामना हर उम्र के लोग कर रहे हैं। यह सिर्फ दिखने की समस्या नहीं है, बल्कि कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। मोटापे के कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस लेख में हम मोटापा क्या है, यह कैसे बढ़ता है, इसे कम करने के तरीके और मोटापा किन-किन बीमारियों का कारण बन सकता है, इन सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Obesity क्या है?

What is obesity? And what causes it?

मोटापा तब होता है जब शरीर में अत्यधिक चर्बी जमा हो जाती है, जिससे वजन बढ़ता है और शारीरिक रूप से अनुपयुक्त स्थिति बनती है। मोटापे को आमतौर पर बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के आधार पर मापा जाता है। यदि किसी व्यक्ति का BMI 25 से 29.9 के बीच है, तो उसे “अधिक वजन” माना जाता है, और 30 या उससे अधिक के BMI को “Obesity” कहा जाता है। Obesity कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे अनुवांशिकी, जीवनशैली, खानपान की आदतें और शारीरिक गतिविधियों की कमी।

असंतुलित आहार: जब हम अत्यधिक कैलोरी युक्त आहार, जैसे जंक फूड, तले-भुने पदार्थ, और मीठी चीजें खाते हैं, तो शरीर में चर्बी जमा होने लगती है। यह आहार शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं देता, जिससे शरीर में ऊर्जा की कमी होती है और वजन बढ़ता है

शारीरिक गतिविधियों की कमी : यदि हम शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते, तो हमारी कैलोरी बर्न नहीं होती और वह शरीर में चर्बी के रूप में जमा हो जाती है। आजकल की बैठी-ठाली जीवनशैली, जैसे दिनभर कंप्यूटर पर काम करना या टीवी देखना, Obesity का एक बड़ा कारण है।

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अनुवांशिक कारण: हर वार में Obesity चलता है। उनके जीन के कारण उनका शरीर अधिक चर्बी जमा करता है। हालांकि, यह हमेशा नहीं होता कि अगर परिवार में Obesity है तो आपको भी होगा, लेकिन यह जोखिम बढ़ा सकता है।

हार्मोनल असंतुलन: शरीर के कुछ हार्मोन, जैसे इंसुलिन, थायरॉइड हार्मोन, और घ्रेलिन (भूख नियंत्रक हार्मोन) के असंतुलन के कारण भी वजन बढ़ सकता है। खासकर महिलाओं में प्रेगनेंसी और मीनोपॉज के समय हार्मोनल बदलाव के कारण वजन बढ़ने की संभावना रहती है।

तनाव और मानसिक समस्याएं: तनाव, चिंता और अवसाद के कारण कई लोग अनावश्यक रूप से अधिक खाना शुरू कर देते हैं। इसे ‘इमोशनल ईटिंग’ कहा जाता है। इसका सीधा असर वजन पर पड़ता है।

नींद की कमी: पर्याप्त नींद न लेने से भी मोटापा बढ़ सकता है। जब हम पूरी नींद नहीं लेते, तो हमारे शरीर में घ्रेलिन और लेप्टिन हार्मोन का असंतुलन हो जाता है, जो भूख को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इससे हम अधिक खाते हैं और वजन बढ़ता है।

मेडिकेशन: कुछ दवाओं के सेवन से भी वजन बढ़ सकता है, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट्स, स्टेरॉयड्स और कुछ हार्मोनल दवाइयाँ। इन दवाओं का साइड इफेक्ट वजन बढ़ना हो सकता है।

मोटापा कम करने के उपाय

Obesity कम करना आसान नहीं है, लेकिन सही तरीके अपनाकर इसे नियंत्रण में लाया जा सकता है। इसके लिए खानपान, व्यायाम और जीवनशैली में बदलाव जरूरी होता है। नीचे दिए गए कुछ उपायों से Obesity कम करने में मदद मिल सकती है

संतुलित आहार लें: Obesity कम करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आप अपने खानपान में सुधार करें। अपने आहार में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:-

कैलोरी का ध्यान रखें: आपको रोजाना कितनी कैलोरी की आवश्यकता है, इसका पता लगाकर उसी अनुसार भोजन करें। अधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों से बचें और पौष्टिक, कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ खाएं।

फाइबर युक्त आहार लें: फाइबर युक्त आहार, जैसे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, और दालें खाने से पेट भरा महसूस होता है और भूख कम लगती है।

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प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं: प्रोटीन युक्त आहार, जैसे अंडे, मछली, चिकन, सोयाबीन, और नट्स खाने से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है और मांसपेशियों की मरम्मत होती है।

शुगर और तैलीय भोजन से बचें

चीनी और अधिक तेल में बने खाद्य पदार्थ वजन बढ़ाने का मुख्य कारण होते हैं। इनसे जितना हो सके बचना चाहिए।

छोटे भोजन लें: दिन में 3 बड़े भोजन करने के बजाय, 5-6 छोटे भोजन करने की आदत डालें। इससे शरीर की मेटाबॉलिज्म दर बढ़ती है और कैलोरी बर्न होती है।

नियमित व्यायाम करें: वजन कम करने के लिए शारीरिक गतिविधियों का होना जरूरी है। नियमित व्यायाम से न केवल वजन घटता है, बल्कि मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है और ऊर्जा स्तर भी बढ़ता है। कुछ महत्वपूर्ण व्यायाम हैं:-

कार्डियो एक्सरसाइज: दौड़ना, तैराकी, साइक्लिंग, और तेज चलना जैसी कार्डियो एक्सरसाइज से फैट बर्न होता है। रोजाना 30 से 60 मिनट कार्डियो एक्सरसाइज करने से वजन कम होता है।

वजन उठाना: वजन उठाने से मांसपेशियों का विकास होता है और यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जिससे अधिक कैलोरी बर्न होती है। बल्कि यह तनाव को भी कम करता है। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है और मानसिक स्वास्थ्य भी सुधरता है।

HIIT (हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग): यह एक प्रकार की एक्सरसाइज है जिसमें कम समय में अधिक कैलोरी बर्न की जाती है। यह बहुत ही प्रभावी होती है।

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पर्याप्त नींद लें: नींद का हमारे वजन पर सीधा असर होता है। यदि आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो यह आपकी भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को प्रभावित कर सकता है। इसलिए रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।

पानी पिएं: पानी पीना न केवल शरीर को हाइड्रेट रखता है, बल्कि यह वजन कम करने में भी मदद करता है। खाना खाने से पहले पानी पीने से भूख कम लगती है और आप कम खाते हैं। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की आदत डालें।

तनाव को नियंत्रित करें: तनाव के कारण कई लोग भावनात्मक रूप से अधिक खाने लगते हैं, जिससे वजन बढ़ सकता है। तनाव को नियंत्रित करने के लिए योग, ध्यान, और गहरी साँस लेने की तकनीकों का अभ्यास करें।

अनुशासन बनाए रखें: वजन कम करना एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसके लिए आपको अनुशासित रहना पड़ेगा। नियमित रूप से व्यायाम करें, संतुलित आहार लें, और अपनी जीवनशैली में सुधार करें। आपको धैर्य रखना होगा क्योंकि यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है।

Obesity से होने वाले नुकसान: मोटापा न केवल शारीरिक दिखावट को प्रभावित करता है, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। कुछ प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं निम्नलिखित हैं:

हृदय रोग: मोटापा हृदय रोगों का प्रमुख कारण है। शरीर में अत्यधिक फैट जमा होने से धमनियों में रुकावट हो सकती है, जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है। उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी Obesity के कारण बढ़ता है, जिससे हृदय पर दबाव पड़ता है।

मधुमेह (टाइप 2 डायबिटीज): मोटापा के कारण इंसुलिन का उत्पादन कम हो सकता है, जिससे शरीर में शुगर का स्तर बढ़ता है और डायबिटीज हो सकता है। टाइप 2 डायबिटीज मोटापे से संबंधित एक आम समस्या है, जिसमें शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पातीं।

हाई ब्लड प्रेशर: अधिक वजन होने से शरीर में रक्त का प्रवाह सही से नहीं हो पाता, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप हृदय रोग, किडनी की समस्याएं, और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ा सकता है।

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