Newsnowव्यापारIBPS बैंक पीओ की सैलरी कितनी होती है?

IBPS बैंक पीओ की सैलरी कितनी होती है?

IBPS बैंक पीओ की सैलरी एक संतुलित पैकेज होती है जिसमें प्रतिस्पर्धात्मक बेसिक सैलरी के साथ विभिन्न भत्ते और लाभ शामिल होते हैं। प्रारंभिक सैलरी को अतिरिक्त भत्तों और लाभों द्वारा बढ़ाया जाता है।

IBPS (इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन) बैंक प्रोबेशनरी ऑफिसर (पीओ) की सैलरी भारत में बहुत से अभ्यर्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है। यह पद एक प्रतिष्ठित और आकर्षक करियर अवसर के रूप में देखा जाता है, जिसमें एक व्यापक वेतन पैकेज और लाभ शामिल होते हैं।

बेसिक सैलरी संरचना

IBPS बैंक पीओ की बेसिक सैलरी बैंक की पदानुक्रम में ऑफिसर के स्तर के आधार पर निर्धारित की जाती है। 2024 के अनुसार, एक बैंक पीओ की प्रारंभिक बेसिक सैलरी लगभग ₹36,000 प्रति माह होती है। यह सैलरी समय-समय पर वेतन समीक्षा समितियों की सिफारिशों और जीवन की लागत की वृद्धि के आधार पर संशोधित की जाती है।

लाभ

IBPS: बेसिक सैलरी के अलावा, बैंक पीओ को विभिन्न भत्ते और लाभ मिलते हैं जो उनके कुल वेतन पैकेज को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाते हैं:

What is the salary of IBPS Bank PO
  1. हाउस रेंट अलाउंस (HRA): यह भत्ता आवास की लागत को पूरा करने के लिए दिया जाता है। HRA स्थान के आधार पर भिन्न होता है। मेट्रो शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में, HRA उच्च होता है। सामान्यतः, HRA बेसिक सैलरी का 7% से 15% तक होता है।
  2. डियरनेस अलाउंस (DA): यह भत्ता मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है। DA को तिमाही आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर संशोधित किया जाता है। बैंक पीओ के लिए, DA आमतौर पर बेसिक सैलरी का लगभग 30% होता है।
  3. स्पेशल अलाउंस: बैंक पीओ को एक विशेष भत्ता मिलता है जो बेसिक सैलरी का प्रतिशत होता है। यह सामान्यतः बेसिक सैलरी का 7.75% होता है और बैंकिंग नौकरी की विशेषता को मुआवजा देने के लिए होता है।
  4. सिटी कम्पेन्सेटरी अलाउंस (CCA): IBPS: यह मेट्रोपोलिटन क्षेत्रों में उच्च जीवन लागत के लिए दिया जाता है। पोस्टिंग के शहर के आधार पर CCA की राशि भिन्न होती है। मेट्रो शहरों में पोस्टिंग वाले कर्मचारियों को अधिक CCA प्राप्त होता है।
  5. मेडिकल अलाउंस: यह चिकित्सा खर्चों को कवर करने के लिए दिया जाता है। राशि बैंक के नीतियों के आधार पर भिन्न होती है और आमतौर पर मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति शामिल होती है।
  6. लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA): यह छुट्टी के दौरान यात्रा खर्चों को कवर करने के लिए दिया जाता है। LTA आमतौर पर वार्षिक होता है और भारत के किसी भी स्थान पर यात्रा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
  7. अन्य भत्ते: कुछ बैंकों द्वारा परिवहन भत्ता, फर्नीचर भत्ता, और यूनिफॉर्म भत्ता जैसे अतिरिक्त भत्ते भी प्रदान किए जाते हैं, जो बैंक की नीतियों पर निर्भर करते हैं।

अतिरिक्त लाभ

IBPS: बैंक पीओ कई अन्य लाभ भी प्राप्त करते हैं जो उनके कुल वेतन पैकेज में योगदान करते हैं:

  1. प्रोविडेंट फंड (PF): सैलरी का एक हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में योगदान के रूप में जमा होता है, जो एक सेवानिवृत्ति बचत योजना है। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं।
  2. गैट्रुइटी: यह एक एकमुश्त राशि होती है जो कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति या इस्तीफे के समय प्रदान की जाती है। गैट्रुइटी की राशि सेवा की अवधि और बेसिक सैलरी पर आधारित होती है।
  3. पेंशन स्कीम: IBPS: कुछ बैंकों द्वारा पेंशन स्कीम्स प्रदान की जाती हैं, जो सेवानिवृत्ति के बाद नियमित मासिक पेंशन प्रदान करती हैं। यह प्रोविडेंट फंड के लाभ के अतिरिक्त होती है।
  4. ग्रुप इंश्योरेंस: बैंक पीओ ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसीज के अंतर्गत आते हैं, जो आकस्मिक मृत्यु या विकलांगता के मामले में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती हैं।
  5. लोन सुविधाएं: बैंकों द्वारा कर्मचारियों को आवास, शिक्षा और व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए concessional लोन प्रदान किए जाते हैं।
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करियर प्रगति और वेतन वृद्धि

IBPS: बैंक पीओ की सैलरी स्थिर नहीं रहती; यह करियर प्रगति के साथ बढ़ती है। प्रोबेशनरी अवधि पूरी करने के बाद, जो सामान्यतः दो साल की होती है, बैंक पीओ की पुष्टि होती है और वे पदोन्नति के योग्य होते हैं। बैंक पीओ के लिए सामान्य करियर प्रगति इस प्रकार है:

  1. असिस्टेंट मैनेजर (स्केल I): प्रारंभिक पद जिसमें बेसिक सैलरी लगभग ₹36,000 प्रति माह होती है।
  2. मैनेजर (स्केल II): IBPS: कुछ वर्षों की सेवा के बाद, पीओ इस पद पर पदोन्नत होते हैं, जो उच्च बेसिक वेतन और बढ़े हुए भत्ते प्रदान करता है।
  3. सीनियर मैनेजर (स्केल III): आगे की पदोन्नति से इस भूमिका में प्रवेश होता है, जिसमें अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ और बढ़ी हुई सैलरी पैकेज होती है।
  4. चीफ मैनेजर (स्केल IV), असिस्टेंट जनरल मैनेजर (स्केल V), और जनरल मैनेजर (स्केल VI): करियर के अंतिम स्तर पर उच्च वेतन और लाभ होते हैं।

अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों की तुलना

IBPS: अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों की तुलना में, बैंक पीओ की सैलरी प्रतिस्पर्धात्मक होती है। हालांकि बेसिक सैलरी कुछ केंद्रीय सरकारी पदों की तुलना में कम हो सकती है, समग्र वेतन पैकेज, जिसमें भत्ते और लाभ शामिल हैं, इसे आकर्षक बनाता है।

निष्कर्ष

IBPS बैंक पीओ की सैलरी एक संतुलित पैकेज होती है जिसमें प्रतिस्पर्धात्मक बेसिक सैलरी के साथ विभिन्न भत्ते और लाभ शामिल होते हैं। प्रारंभिक सैलरी को अतिरिक्त भत्तों और लाभों द्वारा बढ़ाया जाता है। बैंकिंग क्षेत्र में करियर प्रगति के साथ सैलरी में वृद्धि होती है, जो इसे कई लोगों के लिए एक लाभकारी करियर विकल्प बनाता है। किसी भी नौकरी की तरह, विशिष्ट सैलरी और लाभ बैंक, स्थान, और व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं, लेकिन सामान्य संरचना पूरे क्षेत्र में समान रहती है।

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