होम संस्कृति Tulsi को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

Tulsi को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

Tulsi को जल चढ़ाते समय मंत्रों का जाप करना केवल एक धार्मिक कृत्य नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। ये मंत्र तुलसी देवी के प्रति हमारी भक्ति और आदर को प्रकट करते हैं।

Tulsi को जल चढ़ाने का कार्य हिंदू धर्म में एक पवित्र और शुभ प्रक्रिया है। इस दौरान कुछ विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, जो आध्यात्मिक लाभ और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। तुलसी देवी को जल अर्पित करने से न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, बल्कि भक्त का मन और आत्मा भी शुद्ध होती है।

Tulsi को जल चढ़ाते समय बोले जाने वाले मंत्र

which mantra should be chanted while watering tulsi

1. तुलसी स्तुति (तुलसी देवी की स्तुति)

तुलसी अमृतजनमि नमस्ते नारद प्रिये। नारायणप्रिया शुद्धा सर्वपापहरे शुभे॥

अर्थ: हे अमृत के समान पवित्र तुलसी, मैं आपको नमन करता हूँ। आप नारद मुनि की प्रिय और भगवान नारायण की अति प्रिय हैं। आप सभी पापों का नाश करने वाली और शुभता प्रदान करने वाली हैं।

2. जल अर्पण मंत्र

विष्णुप्रियायै तुलस्यै नमः

अर्थ: भगवान विष्णु की प्रिय तुलसी देवी को मेरा प्रणाम। यह मंत्र तुलसी को जल अर्पित करते समय सबसे सरल और प्रभावशाली माना जाता है।

3. Tulsi गायत्री मंत्र

ॐ तुलस्यै च विद्महे विष्णुप्रिया धीमहि। तन्नो वृंदा प्रचोदयात्॥

अर्थ: हम तुलसी देवी का ध्यान करते हैं, जो भगवान विष्णु की प्रिय हैं। वह हमें ज्ञान और प्रेरणा प्रदान करें।

4. तुलसी पूजन के लिए श्लोक

यन्मूले सर्वतीर्थानि यन्मध्ये सर्वदेवताः। यदग्रे सर्ववेदाश्च तुलसी त्वां नमाम्यहम्॥  

अर्थ: तुलसी के मूल में सभी तीर्थ हैं, इसके मध्य में सभी देवताओं का वास है, और इसके अग्रभाग में सभी वेद स्थित हैं। हे तुलसी देवी, मैं आपको नमन करता हूँ।

Tulsi को जल चढ़ाते समय मंत्रों का महत्व

  • आध्यात्मिक शुद्धि: मंत्रों का उच्चारण मन को शुद्ध करता है और सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है।
  • ईश्वर से जुड़ाव: तुलसी देवी भगवान विष्णु की प्रिय हैं, इसलिए उनके पूजन से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
  • पापों का नाश: तुलसी की पूजा सभी प्रकार के पापों और दोषों का नाश करती है।
  • घर में सुख-समृद्धि: तुलसी की पूजा और मंत्रों का जाप घर में सुख-शांति और समृद्धि लाते हैं।

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तुलसी की पूजा कैसे करें?

  • सफाई और शुद्धिकरण: सुबह तुलसी के पास का स्थान साफ करें।
  • दीप जलाना: तुलसी के पास एक दीपक जलाएं।
  • जल अर्पित करें: तुलसी को जल चढ़ाते समय यह मंत्र बोलें:

विष्णुप्रियायै तुलस्यै नमः।

परिक्रमा करें: तुलसी के चारों ओर तीन या सात बार परिक्रमा करें और यह श्लोक बोलें:

तुलसी श्रीमहालक्ष्मी विद्यारूपिणि सर्वदा। नमस्ते नारदनुते नारायणमनः प्रिये॥

  • प्रार्थना करें: तुलसी के सामने हाथ जोड़कर आशीर्वाद मांगें।

Tulsi पूजा का आध्यात्मिक महत्व

  • धर्म का प्रतीक: तुलसी के मूल, तना और पत्ते धर्म, आध्यात्मिकता और पवित्रता के प्रतीक हैं।
  • शुद्धिकरण का स्रोत: तुलसी को जल चढ़ाने से घर और मन दोनों शुद्ध होते हैं।
  • भगवान की कृपा: तुलसी को भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के पूजा में अर्पित करना बहुत शुभ माना गया है।

निष्कर्ष

Tulsi को जल चढ़ाते समय मंत्रों का जाप करना केवल एक धार्मिक कृत्य नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। ये मंत्र तुलसी देवी के प्रति हमारी भक्ति और आदर को प्रकट करते हैं। चाहे आप “विष्णुप्रियायै तुलस्यै नमः” जैसे छोटे मंत्र का जाप करें या विस्तृत श्लोकों का पाठ, आपकी भक्ति और श्रद्धा ही सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। तुलसी की पूजा से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाती है।

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