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Basant Panchami क्यों मनाई जाती है और इसका क्या महत्व है? यहां जानें

बसंत पंचमी को भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। पंजाब में, इस त्योहार को पतंग उत्सव के रूप में मनाया जाता है। लोग रंग-बिरंगे पतंग उड़ाते हैं और आसमान को पतंगों से भर देते हैं।

Basant Panchami एक लोकप्रिय हिंदू त्योहार है जो माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और इसे ज्ञान, विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती की पूजा के रूप में मनाया जाता है।

बसंत पंचमी के पीछे की कहानी

बसंत पंचमी से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। इनमें से एक प्रमुख कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना के बाद महसूस किया कि हर तरफ नीरवता छाई हुई है। उन्होंने इस स्थिति को दूर करने के लिए अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे एक दिव्य शक्ति का प्रादुर्भाव हुआ। यह देवी सरस्वती थीं, जिन्होंने अपने वीणा के मधुर संगीत से संसार को ध्वनि और जीवन प्रदान किया।

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एक अन्य कथा के अनुसार, कामदेव और उनकी पत्नी रति ने वसंत ऋतु के आगमन पर भगवान शिव की तपस्या भंग करने का प्रयास किया था। कामदेव ने अपने बाणों से भगवान शिव को मोहित करने की कोशिश की, लेकिन भगवान शिव ने क्रोधित होकर कामदेव को भस्म कर दिया। रति ने अपने पति को पुनर्जीवित करने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की, जिसके बाद भगवान शिव ने कामदेव को अनंग रूप में पुनर्जीवित किया। इस घटना को भी Basant Panchami के साथ जोड़ा जाता है।

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Basant Panchami का महत्व

Basant Panchami को ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं और देवी सरस्वती की प्रतिमा को पीले फूल, फल और मिठाई अर्पित करते हैं। विद्यालयों और कॉलेजों में विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है। छात्र और शिक्षक देवी सरस्वती की वंदना करते हैं और उनसे ज्ञान, बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद मांगते हैं।

यह त्योहार प्रकृति के सौंदर्य और जीवन के उल्लास का भी प्रतीक है। वसंत ऋतु में प्रकृति में नए रंग और नई ताजगी छा जाती है। पेड़-पौधे नए पत्तों और फूलों से भर जाते हैं और हर तरफ एक आनंदमय वातावरण बन जाता है।

बसंत पंचमी पर पीले रंग का महत्व

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Basant Panchami के दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है। बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा पीले फूलों से की जाती है। उन्हें पीले रंग के वस्त्र भेंट किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। सर्दी का मौसम कम होने लगता है।

बसंत पंचमी कैसे मनाई जाती है

बसंत पंचमी को भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। पंजाब में, इस त्योहार को पतंग उत्सव के रूप में मनाया जाता है। लोग रंग-बिरंगे पतंग उड़ाते हैं और आसमान को पतंगों से भर देते हैं। राजस्थान में, इस दिन महिलाएं अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।

इस प्रकार, बसंत पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो ज्ञान, विद्या, कला, संगीत और प्रकृति के सौंदर्य का प्रतीक है। यह त्योहार हमें जीवन में ज्ञान और सकारात्मकता के महत्व को याद दिलाता है।

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