Sardar Patel को ‘लौह पुरुष’ की उपाधि उनके अदम्य साहस, दृढ़ इच्छाशक्ति और भारत के एकीकरण में उनके अहम योगदान के कारण दी गई थी।
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यहाँ कुछ मुख्य कारण हैं जिनके कारण उन्हें यह उपाधि मिली:
562 रियासतों का एकीकरण: स्वतंत्रता के बाद भारत में 562 रियासतें थीं। सरदार पटेल ने अपने कुशल नेतृत्व और कूटनीतिक कौशल से इन सभी रियासतों को बिना किसी युद्ध के भारत संघ में मिला लिया। यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि थी और इसीलिए उन्हें ‘लौह पुरुष’ कहा जाता है।
दृढ़ इच्छाशक्ति: सरदार पटेल एक बहुत ही दृढ़ इरादों वाले व्यक्ति थे। उन्होंने देश के एकीकरण के लिए जो कुछ भी करना था, उन्होंने किया। उन्होंने कई कठिन परिस्थितियों का सामना किया लेकिन कभी हार नहीं मानी।
साहस: सरदार पटेल एक बहुत ही साहसी व्यक्ति थे। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलनों में भाग लिया और जेल भी गए। स्वतंत्रता के बाद भी उन्होंने देश के लिए कई मुश्किल फैसले लिए।
किसानों के नेता: सरदार पटेल किसानों के एक महान नेता थे। उन्होंने खेड़ा और बारदोली सत्याग्रह जैसे कई किसान आंदोलनों का नेतृत्व किया और किसानों के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी।
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Sardar Patel को ‘लौह पुरुष’ क्यों कहा जाता है, इसके कुछ अन्य कारण भी हैं:
- बिस्मार्क ऑफ इंडिया: उन्हें भारत का बिस्मार्क भी कहा जाता है। बिस्मार्क जर्मनी को एकीकृत करने वाले नेता थे।
- महात्मा गांधी द्वारा दी गई उपाधि: महात्मा गांधी ने ही सरदार पटेल को ‘लौह पुरुष’ की उपाधि दी थी।
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