नई दिल्ली: प्रदर्शनकारी Wrestlers पर दंगा करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करने के एक दिन बाद दिल्ली पुलिस ने आज कहा कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने कल उन्मादी तरीके से कानून तोड़ा, यही वजह है कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर उनका विरोध अधिसूचित स्थान था। उन्होंने कहा कि पहलवानों का प्रदर्शन अब तक सुचारू रूप से चल रहा था।
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नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने हिंदी में ट्वीट किया, “यदि पहलवान भविष्य में फिर से धरना देने की अनुमति के लिए आवेदन करते हैं, तो उन्हें जंतर-मंतर के अलावा किसी भी उपयुक्त, अधिसूचित स्थान पर जाने की अनुमति दी जाएगी।”
देश भर के हैरान सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि यह विडंबना है कि जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतंत्र का मंदिर बताते हुए नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे, वही दो किमी दूर दिल्ली पुलिस को भारत की महिला एथलीटों पर नकेल कसते हुए देखा गया, जो केंद्र के अधीन है।
Wrestlers पर देश की शांति भंग करने का आरोप
पहलवानों पर दंगा करने, अवैध रूप से एकत्र होने और लोक सेवकों को उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोकने का आरोप लगाया गया है। मामले में विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित विरोध में भाग लेने वाले सभी पहलवानों को नामजद किया गया है।
घटनास्थल के वीडियो में दिखाया गया है कि चैंपियन को धक्का दिया गया, जमीन पर फेंका गया और बसों में घसीटा गया। जिससे पूरे देश में गुस्सा फैल गया। तनाव तब बढ़ गया जब विनेश फोगट और उनकी चचेरी बहन संगीता फोगट के नेतृत्व में पहलवानों ने पुलिस द्वारा स्थापित सुरक्षा बैरिकेड्स को तोड़ने का प्रयास किया।
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