“Zero” 2018 में रिलीज़ हुई एक भारतीय हिंदी भाषा की रोमांटिक ड्रामा फिल्म है, जिसे आनंद एल राय ने निर्देशित किया और रेड चिलीज एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित किया गया। फिल्म में शाहरुख़ ख़ान, कैटरीना कैफ, और अनुष्का शर्मा मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म की कहानी विशेष रूप से छोटे कद वाले व्यक्ति के जीवन की समस्याओं और उसकी संघर्षपूर्ण यात्रा पर आधारित है, जिसमें उसे प्यार, आत्मसम्मान, और अपनी पहचान पाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
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“ज़ीरो” मूवी के बारे में पूरी जानकारी
फिल्म की कहानी
Zero की कहानी बउआ सिंह (शाहरुख़ ख़ान) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक छोटे कद का लड़का है। बउआ अपने जीवन में हर जगह असफलता और अडचनें महसूस करता है। वह अपनी जिंदगी के सबसे अच्छे सालों को खो चुका है, और उसके पास कोई बड़ा लक्ष्य नहीं है। हालांकि, बउआ का आत्मविश्वास बहुत मजबूत है, और वह अपने जीवन में सफल होने के लिए संघर्ष करता रहता है।
Zero में बउआ की प्रेम कहानी भी प्रमुख है। बउआ की मुलाकात एक प्रसिद्ध अभिनेत्री, बार्बी (कैटरीना कैफ) से होती है, जो अपने करियर की ऊँचाईयों पर पहुँचने के बाद भी अंदर से टूट चुकी है। बार्बी को बउआ से उम्मीदें तो नहीं होतीं, लेकिन उनकी मुलाकात के बाद वह दोनों एक दूसरे से जुड़ते हैं। वहीं, फिल्म की दूसरी मुख्य पात्र, ऐलिस (अनुष्का शर्मा), एक विकलांग वैज्ञानिक है, जो अपने जीवन में खुश रहने और एक बड़ा सपना पूरा करने की कोशिश कर रही है। इन तीनों की जिंदगियाँ एक दूसरे से जुड़ी होती हैं, और फिल्म इनकी आपसी संबंधों और उनकी ज़िन्दगी की कठिनाइयों को दर्शाती है।
मुख्य पात्र और अभिनेता
- शाहरुख़ ख़ान (बउआ सिंह): शाहरुख़ ख़ान ने फिल्म में बउआ सिंह का किरदार निभाया है, जो एक छोटे कद का आदमी है और अपने जीवन में प्यार और पहचान की तलाश में रहता है। शाहरुख़ ने इस किरदार में बउआ के संघर्षों और जटिलताओं को बेहद प्रभावशाली तरीके से पेश किया है। उनका अभिनय फिल्म का मुख्य आकर्षण रहा है, जहां उन्होंने अपने छोटे कद को बड़े आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत किया।
- कैटरीना कैफ (बार्बी): कैटरीना कैफ ने फिल्म में एक अभिनेत्री का किरदार निभाया है, जो बाहरी दुनिया में सफल दिखती है, लेकिन अंदर से बहुत कमजोर है। बार्बी के चरित्र में एक ग्लैमरस और असुरक्षित महिला की छवि पेश की गई है, जो बउआ से जुड़कर अपने जीवन को समझने और प्यार को जानने की कोशिश करती है।
- अनुष्का शर्मा (ऐलिस): अनुष्का शर्मा ने एक विकलांग वैज्ञानिक ऐलिस का किरदार निभाया है। ऐलिस एक ऐसा पात्र है जो अपने विकलांगता के बावजूद एक बड़ी खोज करने का सपना देखती है। उसकी कहानी फिल्म में एक और महत्वपूर्ण आयाम जोड़ती है, जो दर्शकों को प्रेरणा देती है।
फिल्म के प्रमुख थीम्स
- आत्म-स्वीकृति: “Zero” फिल्म का एक प्रमुख थीम है आत्म-स्वीकृति और आत्म-सम्मान। बउआ का छोटा कद उसके लिए एक बड़ी चुनौती बनता है, लेकिन वह इस चुनौती को स्वीकार करता है और अपने जीवन में आगे बढ़ने की कोशिश करता है। फिल्म में दर्शाया गया है कि कैसे किसी व्यक्ति को अपनी असामान्यता को स्वीकार करना चाहिए और उसे अपनी ताकत बनाना चाहिए।
- प्रेम और रिश्ते: Zero में प्रेम और रिश्तों का महत्वपूर्ण स्थान है। बउआ, बार्बी और ऐलिस के रिश्ते दर्शाते हैं कि कैसे लोग एक दूसरे के साथ अपने जीवन के कठिन क्षणों में सहयोग करते हैं और एक दूसरे के साथ प्यार करते हैं। प्रेम एक ऐसा भाव है जो हर किसी के जीवन में खुशी और समझ का कारण बन सकता है, चाहे व्यक्ति किसी भी स्थिति में हो।
- सपने और संघर्ष: Zero में प्रत्येक पात्र का जीवन एक संघर्ष है। बउआ के लिए यह एक संघर्ष है अपनी पहचान और आत्मसम्मान को पाने का, बार्बी के लिए यह संघर्ष है अपनी असुरक्षाओं और मानसिक स्वास्थ्य के साथ जीने का, और ऐलिस के लिए यह संघर्ष है अपनी विकलांगता को पार कर एक बड़ा सपना पूरा करने का। फिल्म यह दिखाती है कि कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को हासिल करने के लिए संघर्ष कर सकता है, भले ही परिस्थितियाँ कठिन क्यों न हों।
- प्रेरणा और शक्ति: “Zero” में यह भी दिखाया गया है कि कोई भी विकलांगता या शारीरिक समस्या किसी व्यक्ति की शक्ति को नहीं छीन सकती। ऐलिस और बउआ दोनों ही अपने अपने जीवन के कठिनतम पहलुओं को स्वीकार करके अपनी शक्ति को पहचानते हैं। यह संदेश लोगों को यह सिखाता है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, आत्मविश्वास और संघर्ष से हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।
फिल्म की फिल्मांकन और निर्देशन
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Zero का निर्देशन आनंद एल राय ने किया है, जो इससे पहले “Tanu Weds Manu” और “Raanjhanaa” जैसी सफल फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। आनंद एल राय ने इस फिल्म में बउआ के जीवन की जटिलताओं और भावनाओं को बड़ी सूक्ष्मता से चित्रित किया है। उन्होंने शाहरुख़ ख़ान के छोटे कद को फिल्म के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में पेश किया, और इसे कहानी के केंद्र में रखा।
Zero के दृश्य और सेट डिज़ाइन भी बहुत प्रभावशाली हैं, जहां बरेली और न्यूयॉर्क जैसे स्थानों को फिल्म में अच्छे से दर्शाया गया है। विशेष रूप से फिल्म के अंतरिक्ष यात्रा वाले दृश्यों को बड़े ही सुंदर तरीके से फिल्माया गया है, जो फिल्म के सायंस-फिक्शन एलिमेंट को सजीव बनाते हैं।
फिल्म का संगीत
“Zero” फिल्म का संगीत भी बहुत ही सराहनीय है। संगीतकार अजय-अतुल ने फिल्म के संगीत को तैयार किया है, और गीतकार समीर आन्जान ने इसके गानों को लिखा है। फिल्म में कई रोमांटिक और भावनात्मक गाने हैं जो कहानी के मूड के अनुरूप हैं।
- “Mera Naam Tu”: यह गीत फिल्म का प्रमुख रोमांटिक ट्रैक है, जो शाहरुख़ और कैटरीना के बीच के संबंधों को खूबसूरती से दर्शाता है।
- “Issaqbaazi”: इस गीत में शाहरुख़ और सलमान खान का धमाकेदार अंदाज देखने को मिलता है। यह गाना फिल्म में ऊर्जा और जोश का संचार करता है।
- “Husn Parcham”: यह गाना कैटरीना कैफ के किरदार बार्बी की शक्ति और आत्मविश्वास को दर्शाता है।
विवाद और आलोचना
“Zero” फिल्म को रिलीज़ के बाद मिली-जुली समीक्षाएँ मिलीं। कई समीक्षकों ने शाहरुख़ ख़ान के अभिनय की तारीफ की, लेकिन कुछ आलोचकों ने फिल्म की कहानी और निर्देशन में कमी महसूस की। विशेष रूप से फिल्म का पहला भाग धीमा और अधिक लम्बा प्रतीत हुआ, जिससे कुछ दर्शकों को फिल्म के प्रवाह में समस्या महसूस हुई।
निष्कर्ष
“Zero” एक विशिष्ट और इमोशनल फिल्म है, जो जीवन के संघर्ष, प्रेम, और आत्मस्वीकृति की कहानियों को प्रस्तुत करती है। शाहरुख़ ख़ान के अभिनय और फिल्म की रोमांटिक और प्रेरणादायक कहानी को दर्शकों ने सराहा। हालांकि फिल्म को आलोचकों से मिश्रित प्रतिक्रियाएँ मिलीं, लेकिन इसका संदेश और शाहरुख़ ख़ान की परफॉर्मेंस इसे एक यादगार Zero बनाती है। यह Zero दर्शकों को यह सिखाती है कि जीवन में किसी भी आकार या स्थिति में खुद को स्वीकार करना, संघर्ष करना और अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करना सबसे महत्वपूर्ण है।
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