पीढ़ियों से दादी-नानी छोटे बच्चों की तेल से Massage करती आ रही हैं। यह पारंपरिक तरीका नवजात शिशुओं के लिए फायदेमंद माना जाता है। जन्म के छठे दिन से लेकर 3-4 साल तक बच्चों की मालिश की जाती है।
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आमतौर पर जैतून, बादाम, नारियल या शुद्ध सरसों के तेल का उपयोग किया जाता है। सही तेल चुनने के साथ-साथ मालिश के लिए सही प्रक्रिया अपनाना भी जरूरी है। आइए जानते हैं मालिश करने के नियम और इससे शिशु को होने वाले फायदे (बच्चे की मालिश करने के फायदे)।
Massage क्या है?
मसाज एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हाथों से शरीर की मांसपेशियों को दबाया जाता है। इसका उपयोग तनाव दूर करने, आराम करने और तनाव कम करने के लिए किया जाता है। मालिश विभिन्न तरीकों से की जा सकती है, जैसे स्वीडिश, डीप टिश्यू और अरोमाथेरेपी।
नवजात शिशु के लिए मालिश के फायदे?
मालिश शिशु के शारीरिक विकास के साथ-साथ कई भावनात्मक पहलुओं से भी जुड़ी होती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में 2021 में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि मालिश से बच्चों में निम्नलिखित लाभ होते हैं:
Massage से बच्चों की हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं
यह हाथों और पैरों में लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है।
रक्त प्रवाह में सुधार करता है
इससे बच्चों को अच्छी नींद आने में भी मदद मिलती है।
यह माता-पिता को अपने नवजात शिशु के साथ विश्वास और संचार बनाने में मदद करता है। यह त्वचा के ऊपर एक परत बनाकर उसकी सुरक्षा करता है।
यह ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्वों के प्रवाह को बढ़ा सकता है और सांस लेने के तरीके और फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है।
यह शिशुओं में गैस, ऐंठन, पेट का दर्द और कब्ज जैसी समस्याओं का इलाज कर सकता है।
Massage करने का सही तरीका:
गाढ़े तेल के स्थान पर हल्के तेल का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि यह त्वचा द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाता है।
मालिश के समय शिशु को शांत और सतर्क रहना चाहिए।
मालिश करते समय बच्चे से बात करें या उसे लोरी सुनाएं।
बच्चे का Massage करने से पहले नाखून काट लें और हाथों से गहने हटा दें।
तेल को हल्का गर्म कर लें और फिर उससे मालिश करना शुरू करें।
कभी भी जल्दबाजी में मालिश न करें।
कृत्रिम तेल और लोशन से बचें।
मालिश के करीब दो घंटे बाद बच्चे को नहलाना सुनिश्चित करें।
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नहाने के पानी को हल्का गुनगुना रखें।