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अमीर देशों के कृषि और वानिकी आयात से Biodiversity को नुकसान

एक हालिया अध्ययन के अनुसार, विकसित देशों द्वारा कृषि और वानिकी उत्पादों के आयात के कारण विकासशील देशों में Biodiversity को गंभीर नुकसान हो रहा है। अमीर देश अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग करते हैं, जिससे जंगलों की कटाई, प्राकृतिक आवासों का विनाश और पारिस्थितिक असंतुलन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

यह भी पढ़ें: Biodiversity का नुकसान मानव स्वास्थ्य को कैसे खतरे में डालता सकता है

कैसे हो रहा है Biodiversity को नुकसान?

Imports from rich countries cause loss of biodiversity
(File Image)
  1. वनों की अंधाधुंध कटाई – सोया, ताड़ के तेल (Palm Oil) और लकड़ी जैसी चीजों की मांग के कारण अमेज़न, दक्षिण एशिया और अफ्रीका के जंगल तेजी से नष्ट हो रहे हैं।
  2. वन्यजीवों का संकट – प्राकृतिक आवासों के नष्ट होने से कई जीवों की प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं।
  3. जल संसाधनों पर दबाव – कृषि के लिए अत्यधिक जल उपयोग से स्थानीय जल स्रोतों की कमी हो रही है।
  4. कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि – जंगलों की कटाई से कार्बन अवशोषण क्षमता घटती है, जिससे जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है।

मुख्य उदाहरण

  • अमेज़न वर्षावन – ब्राजील से मांस और सोया आयात करने वाले देशों की मांग के कारण बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई हो रही है।
  • इंडोनेशिया और मलेशिया – ताड़ के तेल (Palm Oil) के लिए वनों का विनाश हो रहा है, जिससे ओरंगुटान जैसी प्रजातियां खतरे में आ गई हैं।
  • अफ्रीका – कॉफी और कोको की खेती के लिए प्राकृतिक वनों को तेजी से साफ किया जा रहा है।

क्या किया जा सकता है?

Imports from rich countries cause loss of biodiversity
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  • टिकाऊ (Sustainable) कृषि और वानिकी को बढ़ावा देना
  • उत्तरदायी उपभोग (Responsible Consumption) – अमीर देशों को अपने आयात को पर्यावरण के अनुकूल बनाना चाहिए।
  • सख्त अंतरराष्ट्रीय नीतियां और संरक्षण कानून
  • स्थानीय समुदायों को संरक्षण में शामिल करना

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