प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शनिवार को राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर कहा कि देश अब एकता के नए पैमाने गढ़ रहा है। पीएम ने सरदार पटेल (Sardar Patel) के संकल्पों को दोहराते हुए जम्मू-कश्मीर के नए विकास पथ के साथ ही पूर्वोत्तर भारत में शांति बहाली का जिक्र किया।
देश के पहले गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती पर ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘आज, जम्मू-कश्मीर विकास के नए पथ पर है। अब चाहे पूर्वोत्तर भारत में शांति बहाली की प्रक्रिया हो या फिर वहां विकास के लिए उठाए जा रहे कदम। देश एकता के नए पैमाने तय कर रहा है।’
सरदार पटेल को याद करते हुए पीएम ने कहा, ‘उन्होंने देश की विभिन्नता के जरिए भारत को वर्तमान स्वरूप दिया। आजादी के बाद कई देसी राज्यों का विलय कर स्वतंत्र और सशक्त भारत की बुनियाद रखी। आज पूरा देश लौह पुरुष को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। आज एक बार फिर से पूरा देश सरदार पटेल के बतलाए रास्ते पर देश की तरक्की की प्रतिज्ञा को दोहरा रहा है।’देश की विविधता को उसकी ताकत और अस्तित्व बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश एकजुट है तो असाधारण हैं, लेकिन भारत की ये एकता और ये ताकत दूसरों को खटकती भी रहती है। उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा,‘हमारी इस विविधता को ही कुछ लोग हमारी कमजोरी बनाना चाहते हैं। ऐसी ताकतों को पहचानना जरूरी है, सतर्क रहने की जरूरत है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले लोगों को आड़े हाथों लिया है। प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर फ्रांस की घटनाओं का जिक्र तो नहीं किया मगर कहा कि ‘जिस तरह कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं, वो आज वैश्विक चिंता का विषय है।’ उन्होंने कहा कि दुनिया के ‘सभी देशों की सरकारों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज्यादा जरूरत है।’ पीएम मोदी ने कहा कि ‘आतंकवाद-हिंसा से कभी भी, किसी का कल्याण नहीं हो सकता।’
पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए पीएम ने विपक्षियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब हमारे देश के जवान शहीद हुए थे उस वक्त भी कुछ लोग राजनीति में लगे हुए थे। चीन का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर देश ही अपनी प्रगति के साथ साथ अपनी सुरक्षा के लिए भी आश्वस्त रह सकता है। इसलिए, आज देश रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है। आज भारत की भूमि पर नज़र गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिल रहा है।’