पति की लंबी उम्र की कामना के लिए करवाचौथ का महापर्व हर साल मनाया जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन शाम को पूजा की जाती है. साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है. इस दिन लाल रंग के वस्त्र या साड़ी पहनना शुभ माना जाता है. आपको बता दें कि इस दिन लाल रंग की साड़ी पहनना शुभ माना जाता है. पंडितों के अनुसार, करवा चौथ पर व्रती स्त्रियों के राशि के हिसाब से भी वस्त्र धारण कर पूजन करने से उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है.
करवाचौथ इस बार कई अच्छे संयोग लेकर आ रहा है. इस बार जहां करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, वहीं शिवयोग, बुधादित्य योग, सप्तकीर्ति, महादीर्घायु और सौख्य योग का भी निर्माण हो रहा है. ये सभी योग बहुत ही महत्वपूर्ण हैं और इस दिन की महत्ता और भी बढ़ाते हैं. आपको बता दें कि इस बार करवा चौथ कथा और पूजा का शुभ मुहूर्त 5:34 बजे से शाम 6:52 बजे तक है. करवा चौथ व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है. इस साल यह 4 नवंबर को पड़ रहा है.
करवा चौथ व्रत में प्रयोग होने वाली सामग्री
करवा चौथ के अवसर पर खास तौर पर चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर और शुद्ध घी का इस्तेमाल होता है. वहीं, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ का भी उपयोग किया जाता है. इतना ही नहीं, दीप, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी का भी इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ की भी ज़रुरत पड़ती है. इस मौके पर दान-दक्षिणा भी दिया जाता है.