नई दिल्ली: मंगलवार देर रात उत्तरी Sikkim में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 22 सेना कर्मियों सहित 102 अन्य लोग लापता हो गए। राज्य सरकार ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की।
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राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 26 लोग घायल हुए हैं और 2,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है। साथ ही, आपदा के कारण 20,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
Sikkim में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान जारी
सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के नेतृत्व में कई एजेंसियां प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान चला रही हैं। भारतीय वायुसेना भी स्टैंडबाय पर है
Sikkim के विभिन्न हिस्सों में 3,000 से अधिक पर्यटकों के फंसे होने की खबर है, जबकि सेना के जवान सहित लगभग 166 लोगों को अब तक बचाया गया है। हिमालय की तलहटी में पूर्वी सिक्किम के पाक्योंग में सबसे अधिक सात मौतें हुई हैं। जिले में 59 लोग लापता हैं, इनमें सेना के 23 जवान शामिल हैं।
Sikkim सरकार के मुताबिक, इस घटना में कुल 14 पुल ढह गए हैं। इनमें से नौ का प्रबंधन सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा किया जाता था, जबकि शेष पांच की जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी। राष्ट्रीय राजमार्ग-10, जो गंगटोक को सिलीगुड़ी से जोड़ता है, लिखुवीर-सेतीझोरा खंड के पास पूरी तरह से बह गया है।
बादल फटने के कारण तीस्ता नदी में आई बाढ़
यह बाढ़ उत्तरी Sikkim में मंगलवार देर रात ल्होनक झील पर अचानक बादल फटने के कारण आई, जिसके कारण तीस्ता नदी का जल स्तर अचानक बढ़ गया और नदी में बाढ़ आ गई। चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने से स्थिति और बिगड़ गई, और नदी का जल स्तर 15-20 फीट तक और बढ़ गया।