Papankusha Ekadashi 2023: पापांकुशा एकादशी भगवान विष्णु के अवतार भगवान पद्मनाभ को समर्पित है। इस दिन भक्त पूरे समर्पण और उत्साह के साथ भगवान पद्मनाभ की पूजा करते हैं। पापांकुशा एकादशी व्रत रखने से, व्रतकर्ता को भगवान पद्मनाभ का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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Papankusha Ekadashi 2023: तिथि और महूर्त
यह एकादशी हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन माह के दौरान शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है। इसी कारण से इसे आश्विन-शुक्ल एकादशी भी कहा जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में, यह दिन सितंबर-अक्टूबर के महीनों के बीच मनाया जाता है। इस माह Papankusha Ekadashi व्रत 25 अक्टूबर 2023 को रखा जाएगा।
एकादशी आरंभ – 24 अक्टूबर 2023 – 03:14 अपराह्न
एकादशी तिथि समाप्त – 25 अक्टूबर, 2023 – 12:32 बजे
पारण तिथि
पारण का समय – 26 अक्टूबर 2023 – प्रातः 05:45 बजे से प्रातः 08:03 बजे तक
द्वादशी समाप्ति क्षण – 26 अक्टूबर, 2023 – 09:44 पूर्वाह्न
Papankusha Ekadashi 2023: महत्व
Papankusha Ekadashi को महत्वपूर्ण एकादशियों में से एक माना जाता है क्योंकि जो भक्त इस दिन व्रत रखते है उन्हें अच्छा स्वास्थ्य, धन और अन्य सभी सांसारिक इच्छाएं प्राप्त होती हैं।
यह भी माना जाता है कि पापांकुशा एकादशी व्रत का पालन करने से भक्तों को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल सकती है और मोक्ष प्राप्त हो सकता है। उन्हें अपने पिछले जन्म के पापों और बुरे कर्मों से भी मुक्ति मिल जाती है।
यह व्रत 100 सूर्य यज्ञ या 1000 अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर है। कष्टों से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को पापांकुशा एकादशी के इस शुभ दिन पर व्रत रखना चाहिए।
Papankusha Ekadashi के दिन वर्जित कार्य
इस शुभ दिन पर साबुन या किसी अन्य बॉडी वॉश से स्नान न करें।
Papankusha Ekadashi के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते न तोड़ें।
किसी को कटु वचन न कहें।
एकादशी के दिन कभी भी ब्राह्मण या किसी पुजारी का अपमान न करें।
इस दिन शराब या किसी भी अन्य प्रकार का नशा करना वर्जित है।
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इस दिन तामसिक भोजन (प्याज, लहसुन, अंडा और मांस) खाना अशुभ माना जाता है।