मुरादनगर (Muradnagar) में रविवार को एक श्मशान घाट में छत ढह जाने से 24 लोगों की मौत हो गई थी और 17 अन्य व्यक्ति घायल हो गये थे।
आयोग ने मंगलवार को यूपी सरकार और डीजीपी (DGP) को नोटिस भेजा है। आयोग ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि ठेकेदार और संबंधित विभाग ने लापरवाही से काम किया जिससे कई लोगों के जीवन जीने के अधिकार का हनन हुआ।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गाजियाबाद के मुरादनगर (Muradnagar) में श्मशान घाट की छत गिरने का संज्ञान लिया है। आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘मानवाधिकार आयोग ने मीडिया में इस घटना को लेकर आई खबरों का संज्ञान लिया है।’ मानवाधिकार आयोग ने यूपी सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस भेजकर कहा है कि इस मामले में चार हफ्ते के भीतर विस्तृत रिपोर्ट दी जाए।
आयोग ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
आयोग के अनुसार, मीडिया में आई खबरों से पता चलता है कि मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और पीड़ितों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की गई है। आयोग ने राज्य सरकार से कहा है कि वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों के जरिए मामले की जांच की मौजूदा स्थिति और घायलों की हालत के बारे में आयोग को सूचित करे।
श्मशान की छत गिरने से 24 लोगों की मौत
मुरादनगर (Muradnagar) में रविवार को एक श्मशान घाट में छत ढह जाने से 24 लोगों की मौत हो गई थी और 17 अन्य व्यक्ति घायल हो गये थे। पीड़ितों में से अधिकतर लोग एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट आए थे।