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Ram Mandir: मंदिर के लिए वैदिक रीति रिवाज से पूजन के बाद नींव की खुदाई शुरू

अभी सांकेतिक रूप से मंदिर (Ram Mandir) की नींव की खुदाई का काम शुरू हो गया है।फरवरी माह से युद्ध स्तर पर काम शुरू किया जायेगा।

Ayodhya: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिये नींव की खुदाई का काम वैदिक रीति रिवाज के साथ शुरू हो गया। राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में एक बात पर सहमति बन गयी है कि जितनी भूमि पर राम मंदिर का निर्माण किया जाना है उतनी पूरी भूमि को लगभग 12 मीटर तक खोदा जायेगा और वहां की मिट्टी निकाली जायेगी। इसके बाद खाली स्थान को मजबूत मीटिरियल से भरा जायेगा, इस तरह मंदिर के लिये मजबूत बुनियाद की सतह तैयार होगी।

Ram Mandir निर्माण कार्य का जायजा लेने अयोध्या पहुंचे नृपेंद्र मिश्र

श्रीरामजन्मभूमि परिसर में हो रहे निर्माण कार्य का जायजा लेने अयोध्या पहुंचे मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने ट्रस्ट के सदस्यों के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजन अर्चना की। इसके साथ उन्होंने पहला फावड़ा चलाकर सांकेतिक खुदाई का काम शुरू किया। बताते चलें कि निर्माण एजेंसी की निशानदेही के बाद नींव पूजन के लिए स्थान का चयन किया गया।

Digging of foundation for ram mandir in Ayodhya begins after worshiping Vedic customs
मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने ट्रस्ट के सदस्यों के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजन अर्चना की।

इंजीनियर्स करेंगे रामजन्मभूमि परिसर की मिट्टी की जांच

फिलहाल अभी जिस भूमि पर राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण किया जाना है, वहां से फिलहाल मिट्टी हटाई जा रही है। बताया कि जाता है कि राम मंदिर की नींव की खुदाई का कार्य फरवरी माह से युद्ध स्तर पर शुरू किया जायेगा। लेकिन सांकेतिक रूप से मंदिर (Ram Mandir) की नींव की खुदाई का काम शुरू हो गया है। वहीं सूत्रों की मानें तो इंजीनियर्स फिर से रामजन्मभूमि परिसर की मिट्टी की जांच करेंगे। बताया जाता है कि इसका मकसद मिट्टी की ताकत और उसकी गुणवत्ता का पता लगाना है।

किन मीटिरियल्स से बुनियाद को मजबूती दी जायेगी।

भूमि के 12 मीटर नीचे से जमीन की सतह तक किस मीटिरियल से भरा जायेगा। इसको लेकर अभी तक रिसर्च चल रही है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा की मानें तो यह रिसर्च रिपोर्ट लगभग 15 दिनों के भीतर आ जायेगी। इससे साफ हो जायेगा कि किन मीटिरियल्स से उस स्थान को भरा जायेगा और राम मंदिर की बुनियाद को मजबूती दी जायेगी।

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