El Nino एक प्राकृतिक जलवायु घटना है जो प्रशांत महासागर के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में होती है। इस घटना में, प्रशांत महासागर के पूर्वी भाग का पानी सामान्य से अधिक गर्म हो जाता है। यह गर्म पानी के कारण वैश्विक मौसम में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होते हैं।
यह भी पढ़ें: Nepal Flood: 1 भारतीय, 2 चीनी कामगारों की मौत
El Nino के प्रमुख प्रभाव
वर्षा में परिवर्तन: अल नीनो के कारण कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश होती है, जबकि अन्य क्षेत्रों में सूखा पड़ सकता है।
तापमान में वृद्धि: वैश्विक तापमान में वृद्धि होती है, जिससे गर्मी की लहरें और अन्य चरम मौसमी घटनाएं बढ़ सकती हैं।
समुद्री जीवन पर प्रभाव: समुद्री जीवन चक्र पर असर पड़ता है, जिससे मछली पकड़ने और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र प्रभावित हो सकते हैं।
कृषि पर प्रभाव: कृषि उत्पादन पर भी असर पड़ता है, क्योंकि सूखे या बाढ़ से फसलें नष्ट हो सकती हैं।
El Nino का कारण
अल नीनो का सटीक कारण अभी भी पूरी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन माना जाता है कि यह प्रशांत महासागर में हवाओं और समुद्र के तापमान के बीच जटिल अंतःक्रियाओं के कारण होता है।
El Nino का प्रभाव भारत पर
भारत में अल नीनो के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून कमजोर हो सकता है, जिससे सूखा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, अल नीनो के कारण भारत के कुछ हिस्सों में तापमान में वृद्धि हो सकती है और चरम मौसमी घटनाएं जैसे बाढ़ और सूखा देखने को मिल सकते हैं।
अन्य ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें