Newsnowसंस्कृतिAngkor Wat: विश्व धरोहर और खगोलशास्त्र की अद्वितीय मिसाल

Angkor Wat: विश्व धरोहर और खगोलशास्त्र की अद्वितीय मिसाल

एंगकोर वाट न केवल एक मंदिर है, बल्कि यह खमेर साम्राज्य की शक्ति, संस्कृति और धार्मिक आस्थाओं का प्रतीक भी है।

Angkor Wat, कंबोडिया में स्थित एक विशाल हिन्दू और बौद्ध मंदिर है, जो विश्व धरोहर स्थल के रूप में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह मंदिर खमेर साम्राज्य के सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय द्वारा 12वीं सदी में निर्माण कराया गया था। Angkor Wat का नाम संस्कृत शब्द ‘एंगकोर’ (अर्थात् “नगर” या “सिटी”) और ‘वाट’ (अर्थात् “मंदिर”) से लिया गया है, और इसका शाब्दिक अर्थ है “नगर का मंदिर”। यह मंदिर पहले भगवान विष्णु को समर्पित था, लेकिन बाद में बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा इसे एक पवित्र स्थल के रूप में पूजा गया। एंगकोर वाट की वास्तुकला अद्वितीय है और यह खगोलशास्त्र और धार्मिक विश्वासों के आधार पर डिजाइन किया गया है।

Angkor Wat का मुख्य रूप एक पिरामिड जैसा है, जिसमें तीन प्रमुख स्तर हैं, और यह संरचना पृथ्वी, स्वर्ग और भगवान के बीच के संबंधों को दर्शाती है। मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई चित्रकारी में बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म, और खगोलशास्त्र से संबंधित दृश्य हैं। Angkor Wat कंबोडिया का प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। एंगकोर वाट न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह खमेर कला, स्थापत्य और सांस्कृतिक धरोहर का अद्वितीय उदाहरण है। इसकी वास्तुकला और शिल्पकला ने इसे दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण धरोहर स्थल बना दिया है, और यह खगोलशास्त्र, धर्म, और कला के अद्वितीय मिलन को दर्शाता है।

एंगकोर वाट: विश्व धरोहर और खगोलशास्त्र की अद्वितीय मिसाल

Angkor Wat: A Unique Example of World Heritage

Angkor Wat, कंबोडिया में स्थित एक विशाल हिन्दू मंदिर है, जो विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। यह मंदिर न केवल कंबोडिया का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है, बल्कि यह दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों में से एक है। यह मंदिर खमेर साम्राज्य के महान स्थापत्य और कला का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है, जो अपने समय की सबसे प्रभावशाली और महान संरचनाओं में से एक माना जाता है।

Angkor Wat का निर्माण 12वीं सदी के दौरान, खमेर साम्राज्य के सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय द्वारा किया गया था, जो हिन्दू धर्म के आस्थावान अनुयायी थे। यह मंदिर पहले शिव भगवान को समर्पित था, लेकिन बाद में इसे बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा भी पूजा जाता रहा। इसकी भव्यता, वास्तुकला और शिल्पकला के कारण इसे पूरे विश्व में सम्मान प्राप्त है।

एंगकोर वाट का इतिहास

Angkor Wat का इतिहास खमेर साम्राज्य के समय से जुड़ा हुआ है, जब सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय ने 12वीं सदी में इसे बनवाने का आदेश दिया। यह मंदिर खमेर कला और स्थापत्य के सबसे बेहतरीन उदाहरणों में से एक है, जिसे आज भी देखने के लिए लाखों पर्यटक कंबोडिया आते हैं। इस मंदिर का निर्माण लगभग 30 वर्षों में पूरा हुआ था, और इसका उद्देश्य भगवान शिव के सम्मान में एक भव्य स्थल बनाना था।

Angkor Wat का निर्माण दक्षिण-पूर्व एशिया के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में किया गया था। इसका उद्देश्य खमेर साम्राज्य के धार्मिक और राजनैतिक महत्व को दर्शाना था। इसके विशाल आंगन, स्तंभों, और दीवारों पर उकेरे गए चित्र और शिल्पकारी खमेर सभ्यता की गहरी धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अवधारणाओं को प्रदर्शित करते हैं।

एंगकोर वाट की वास्तुकला

Angkor Wat की वास्तुकला को देखते हुए इसे एक शानदार और भव्य संरचना के रूप में पहचाना जाता है। यह मंदिर विशेष रूप से एक विशाल पिरामिड के रूप में डिजाइन किया गया है, जिसमें तीन मुख्य स्तर हैं और एक बड़ा केंद्रिय टावर जो भगवान शिव का प्रतीक है। यह केंद्रिय टावर 65 मीटर ऊंचा है और पूरे परिसर में सबसे ऊँचा बिंदु है।

मंदिर का मुख प्रवेश द्वार एक विशाल आंगन में खुलता है, जो एक चौकोर आकार में है और चारों ओर खिले हुए बगीचों से घिरा हुआ है। एंगकोर वाट का डिजाइन खगोलशास्त्र पर आधारित है, जहाँ प्रत्येक तत्व और संरचना का स्थान और आकार सूर्य, चंद्रमा और अन्य ग्रहों की स्थिति से मेल खाता है। यह एक बहुत ही बुद्धिमत्ता से परिपूर्ण डिजाइन है, जो खगोलशास्त्र और धार्मिक विश्वासों के मिलेजुले रूप को दर्शाता है।

Angkor Wat: A Unique Example of World Heritage

मंदिर की दीवारों पर शिल्पकारी की गई अद्भुत चित्रकारी और मूर्तियाँ भी एंगकोर वाट की वास्तुकला का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। इन चित्रों में मुख्यतः हिन्दू देवताओं, विशेष रूप से भगवान विष्णु, शिव, और उनके अन्य अवतारों की मूर्तियाँ और चित्र उकेरे गए हैं। इन चित्रों को धार्मिक अनुष्ठानों और खगोलशास्त्र के आधार पर बनाया गया है।

एंगकोर वाट का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

Angkor Wat का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। इसे पहले भगवान शिव को समर्पित किया गया था, लेकिन बाद में बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा भी इसे एक पवित्र स्थल के रूप में पूजा जाने लगा। इस मंदिर में प्रतिमाएं और चित्र न केवल हिंदू धर्म की मान्यताओं को दर्शाते हैं, बल्कि बौद्ध धर्म की शिक्षाओं और सिद्धांतों को भी शामिल करते हैं।

Angkor Wat की दीवारों पर उकेरी गई चित्रकारी खगोलशास्त्र, धार्मिक विश्वासों और खमेर साम्राज्य की सामाजिक संरचना का प्रतीक हैं। इन चित्रों में विश्व के निर्माण, देवताओं के युद्ध, धार्मिक पर्व और अन्य घटनाओं को दर्शाया गया है। यह चित्र कला के रूप में ही नहीं, बल्कि खमेर संस्कृति और इतिहास के अध्ययन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

एंगकोर वाट का पर्यटन और संरक्षा

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Angkor Wat कंबोडिया का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। हर साल लाखों पर्यटक कंबोडिया आते हैं, और एंगकोर वाट का दौरा करते हैं। यह स्थल न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसकी वास्तुकला और शिल्पकारी के कारण भी इसे एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में जाना जाता है।

Angkor Wat को यूनेस्को द्वारा 1992 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई थी, और तब से इसके संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। यहाँ पर संरक्षित चित्रकला और मूर्तियों की देखभाल के लिए विभिन्न वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है, ताकि इन ऐतिहासिक धरोहरों को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखा जा सके।

एंगकोर वाट की प्रसिद्धि और वैश्विक प्रभाव

Angkor Wat की प्रसिद्धि न केवल कंबोडिया में, बल्कि पूरी दुनिया में फैली हुई है। यह मंदिर न केवल धार्मिक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह खमेर कला, स्थापत्य और संस्कृति का भी एक अद्वितीय उदाहरण है। इसका प्रभाव न केवल कंबोडिया के अन्य मंदिरों और स्मारकों पर पड़ा, बल्कि अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल भी इससे प्रभावित हुए।

Angkor Wat: A Unique Example of World Heritage

Angkor Wat को कई अंतरराष्ट्रीय फिल्मों और मीडिया में भी प्रमुख रूप से दिखाया गया है। इसका सबसे प्रसिद्ध उदाहरण ‘लारा क्रॉफ्ट: टाम्ब रेडर’ (2001) फिल्म है, जिसमें एंगकोर वाट को एक प्रमुख सेट के रूप में दिखाया गया था। इस फिल्म ने एंगकोर वाट को पूरी दुनिया में और भी अधिक प्रसिद्ध बना दिया।

निष्कर्ष

Angkor Wat न केवल एक मंदिर है, बल्कि यह खमेर साम्राज्य की शक्ति, संस्कृति और धार्मिक आस्थाओं का प्रतीक भी है। इसकी वास्तुकला, कला, और सांस्कृतिक महत्व ने इसे पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण धरोहर स्थल बना दिया है। यह स्थल न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि यह धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक महत्व का एक अभूतपूर्व उदाहरण है। एंगकोर वाट की यात्रा हर किसी के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है, जो न केवल भारतीय और एशियाई सभ्यता को बल्कि पूरी मानवता को जोड़ने का कार्य करता है।

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