बरेली/यूपी: उत्तर प्रदेश के Bareilly में डॉक्टरों ने अस्पताल में भर्ती एक मरीज में कैंसर की बात छिपाते हुए फोड़े का ऑपरेशन कर दिया जिससे मरीज की मौत हो गई। मामले की जानकारी होने पर मरीज के परिजनों ने कंज्यूमर फोरम में शिकायत दे दी।
कंज्यूमर फोरम ने सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बात सुनी और अब ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों को दोषी करार दिया गया है।
फोरम ने फैसला जारी करते हुए डॉक्टरों पर 1.88 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। फोरम के इस फैसले के साथ ही बरेली और आस पास के क्षेत्र के डॉक्टरों में हड़कंप मच गया।
Bareilly में डॉक्टरों के ख़िलाफ़ ऐसा पहला मामला
इस तरह का यह पहला मामला है जिसमें डॉक्टरों पर इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है। मामले में दोषी पाए गए दोनों डॉक्टर अशोक अस्पताल के हैं।
बता दें कि वर्ष 2016 में नैनीताल बाईपास पर रहने वाले अशफाक ने अपनी बेटी को पेट दर्द की शिकायत के चलते इस अस्पताल में भर्ती कराया था।
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इलाज के दौरान उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी के पेट में फोड़ा है, जबकि उस समय उनकी बेटी को कैंसर था, लेकिन डॉक्टरों ने इसकी जांच नहीं कराई और ऑपरेशन कर फोड़ा निकाल दिया। इसके एवज में डॉक्टरों ने परिजनों से 85,000 रुपये भी जमा कराए थे। इस ऑपरेशन के बाद बच्ची की मौत हो गई। इसके साथ ही पूरे मामले का खुलासा हो गया। इसके बाद परिजनों ने जिला उपभोक्ता फोरम में डॉक्टरों के खिलाफ मानसिक क्षतिपूर्ति और इलाज के ख़र्च का वाद दाखिल कर दिया था।
उपभोक्ता फोरम ने दोनों डॉक्टरों पर 1.88 लाख रुपये का जुर्माना तो लगाय ही है, इलाज का खर्च भी ब्याज समेत वापस करने को कहा है।
इसके लिए 30 दिन की समय सीमा निर्धारित करते हुए फोरम ने कहा कि रकम की अदायगी समय पर नहीं करने पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करते हुए पूरी राशि की रिकवरी होगी।
दोबारा दर्द उठने पर सामने आई कैंसर की बात
पीड़िता के परिवार बताया कि दोनों डॉक्टरों ने ऑपरेशन तो कर दिया, लेकिन उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी। वहीं दोबारा से पेट में दर्द होने पर जब वह दूसरे अस्पताल में गए और वहां जांच कराई गई तो पता चला कि उनकी बेटी को कैंसर था। इसके चलते ऑपरेशन के बाद दर्द निवारक दवाइयों से तात्कालिक आराम मिल गया था। परिवार ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी के पेट में कैंसर की बात डॉक्टरों ने जान बूझकर छिपाई।
बरेली से संवाददाता दीपक चतुर्वेदी की रिपोर्ट