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Newsnowसंस्कृतिBhadrapada Amavasya 2023: तिथि, समय, अनुष्ठान और महत्व

Bhadrapada Amavasya 2023: तिथि, समय, अनुष्ठान और महत्व

इस दिन व्रत रखने से भक्तों को उनके पिछले जन्म में किए गए सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।

Bhadrapada Amavasya 2023: हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच अमावस्या का बड़ा धार्मिक महत्व है। यह अंधेरे चंद्रमा का चंद्र चरण है। इस दिन लोग धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियाँ करते हैं।

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तमिलनाडु में इस दिन को अवनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मारवाड़ी समाज में इस दिन को भादो अमावस्या या भादी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस साल भाद्रपद अमावस्या 14 सितंबर 2023 को मनाई जाने वाली है।

Bhadrapada Amavasya 2023: तिथि और समय

Bhadrapada Amavasya 2023: Date, time, rituals and significance

अमावस्या तिथि आरंभ – 14 सितंबर 2023 – 04:48 पूर्वाह्न
अमावस्या तिथि समाप्त – 15 सितंबर 2023 – 07:09 पूर्वाह्न

Bhadrapada Amavasya 2023: महत्व

Bhadrapada Amavasya 2023: Date, time, rituals and significance

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार Bhadrapada Amavasya का दिन पितरों या पूर्वजों की पूजा के लिए समर्पित है। इस शुभ दिन पर लोग पितृ पूजा और पितृ तर्पण करके अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं इस दिन व्रत रखने से भक्तों को उनके पिछले जन्म में किए गए सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा, यह परिवारों में शांति और सद्भाव लाता है।

इसके अलावा, जो लोग अपनी कुंडली में काल-सर्प दोष के प्रभाव से पीड़ित हैं इस दिन आवश्यक अनुष्ठान करके काल-सर्प दोष से छुटकारा पा सकते है।

Bhadrapada Amavasya 2023: अनुष्ठान

Bhadrapada Amavasya 2023: Date, time, rituals and significance

सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र स्नान करें। स्नान करने के लिए आप किसी पवित्र नदियों में भी जा सकते है।

इसके बाद सूर्य देव के मंत्रों का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।

अर्घ्य देने के बाद कुछ तिल बहते पानी में प्रवाहित करें और अपने पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करें।


Bhadrapada Amavasya 2023: Date, time, rituals and significance

पिंडदान के बाद किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन, कपड़े और पैसे दान करें।

इस दिन कुंडली में काल-सर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए धार्मिक अनुष्ठान भी किए जा सकते हैं।

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इस दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और अपने पूर्वजों की सलामती के लिए प्रार्थना करें।

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