CM Dhami ने बुधवार को देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) द्वारा आयोजित तृतीय पर्वतारोहण अभियान ‘शौर्य’ का फ्लैग ऑफ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अभियान दल को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पहल राज्य के आपदा प्रबंधन ढांचे को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित और दक्ष बल की आवश्यकता अत्यधिक है, और एनडीआरएफ इस दिशा में प्रभावी कार्य कर रही है।
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CM Dhami ने खुशी जाहिर करते हुए एनडीआरएफ के जवानों को तृतीय पर्वतारोहण अभियान ‘शौर्य’ पर रवाना होने के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हमारे वीर जवान निश्चित रूप से इस चुनौतीपूर्ण अभियान में सफलता प्राप्त करेंगे और साथ ही इस ट्रैक पर आने वाले अन्य पर्वतारोहियों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और राज्य सरकार इन संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अभियानों से न केवल आपदा प्रबंधन में दक्षता बढ़ेगी, बल्कि राज्य का साहसिक पर्यटन क्षेत्र भी सशक्त और समृद्ध होगा।
CM Dhami ने एनडीआरएफ के अभियान ‘शौर्य’ को बताया प्रेरणादायक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड में ऐंगलिंग, साइक्लिंग, राफ्टिंग, ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी अनेक साहसिक गतिविधियों को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में प्रतिवर्ष टिहरी वाटर स्पोर्ट्स और नयार महोत्सव जैसी साहसिक खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं, जो न केवल पर्यटकों को आकर्षित करती हैं बल्कि स्थानीय युवाओं को भी नए अवसर प्रदान करती हैं।
सीएम ने कहा कि एनडीआरएफ के जवान जहां एक ओर आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर साहसिक अभियानों में भाग लेकर अपने कौशल का विस्तार कर रहे हैं और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में जब भी कोई आपदा आती है, एनडीआरएफ के जवान सबसे पहले ग्राउंड ज़ीरो पर पहुँचकर राहत और बचाव कार्यों में जुट जाते हैं।

आपदा प्रबंधन की मजबूती की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक संसाधनों, अत्याधुनिक उपकरणों और नई तकनीकों को शामिल कर रही है। साथ ही, जवानों को आधुनिक और तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना भी की जा रही है, जिससे राज्य की आपदा प्रतिक्रिया क्षमता में व्यापक सुधार हो सके।
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