Wayanad (केरल): केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को वायनाड में 30 जुलाई को हुए कई भूस्खलनों में 308 लोगों की मौत की पुष्टि की।
भूस्खलन से तबाही मचाने वाले मेप्पाडी क्षेत्र के चूरलमाला और मुंडक्कई में बचाव और राहत अभियान जारी है।
मंत्री जॉर्ज ने कहा कि अब तक 195 शव और 113 शरीर के अंग बरामद किए गए हैं।
भारतीय सेना ने आज सुबह 190 फीट लंबा बेली ब्रिज नागरिक प्रशासन को सौंप दिया, जो भूस्खलन से अलग-थलग पड़े चूरलमाला और मुंडक्कई क्षेत्रों को जोड़ने वाली इरुवंजिप्पुझा नदी पर बनाया गया था। रक्षा विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हाई अर्थ मूवमेंट उपकरण को दूसरी तरफ स्थानांतरित कर दिया गया है और नागरिक प्रशासन द्वारा वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित किया जा रहा है।
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कर्मियों ने वायनाड जिला कलेक्टर के कार्यालय में एक बैठक भी की। अधिकारियों ने बताया कि राहत दलों और डॉग स्क्वॉड द्वारा तलाशी अभियान आज सुबह 7 बजे शुरू हुआ। इसमें पुलिस सहित सशस्त्र बलों के 30-30 सदस्यों वाली 10 टीमें शामिल हैं।
प्रभावित क्षेत्र को पहुंच और लापता व्यक्तियों की बरामदगी की संभावनाओं के आधार पर छह क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, अर्थात् जोन 1 – पुंचिरिमट्टम क्षेत्र, जोन 2 – मुंडेक्कई क्षेत्र, जोन 3 – स्कूल क्षेत्र, जोन 4 – चूरलमाला शहर क्षेत्र, जोन 5 – गांव क्षेत्र और जोन 6 – डाउनस्ट्रीम।
Army, NDRF, SDRF और नागरिक प्रशासन द्वारा समन्वित बचाव और राहत अभियान कई स्थानों पर चल रहे हैं, जिससे फंसे हुए लोगों को जल्दी से जल्दी निकाला जा सके और बुनियादी सुविधाओं और चिकित्सा सहायता का प्रावधान किया जा सके।
Wayanad landslide से प्रभावित स्थलों का राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने किया दौरा
वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को प्रभावित स्थलों का दौरा किया। उन्होंने वायनाड में आश्रय शिविरों में लोगों से भी मुलाकात की। कांग्रेस नेता शुक्रवार को भी वायनाड में ही रुके रहे।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए वायनाड में एक उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने कहा कि बचाव मुख्य प्राथमिकता होगी और पुनर्वास जल्द से जल्द किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (CMDRF) में योगदान के लिए मुख्यमंत्री की अपील को काफी समर्थन मिला है। अभियान के माध्यम से, प्रभावित क्षेत्रों की सहायता के लिए विभिन्न क्षेत्रों से दान मिल रहा है।
यह अभियान निवासियों और व्यवसायों से योगदान जुटाने पर केंद्रित है। आयोजकों को इन प्रयासों के माध्यम से एक महत्वपूर्ण राशि एकत्र करने की उम्मीद है। राहत कोष के खिलाफ नकारात्मक प्रचार के बावजूद, इस पहल का उद्देश्य जनता के विश्वास को मजबूत करना और कोष की प्रभावशीलता सुनिश्चित करना है।
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