Diverticulitis एक गंभीर पाचन विकार है, जिसमें बड़ी आंत (कोलन) की दीवारों में बने छोटे-छोटे थैले (डिवर्टिकुला) में सूजन या संक्रमण हो जाता है। यह लेख Diverticulitis के लक्षण, कारण, जोखिम कारक, निदान, उपचार विकल्प और बचाव के तरीकों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। इसके अलावा, हम बताएंगे कि Diverticulitis से जीवनशैली में बदलाव और खानपान के जरिए कैसे बचा जा सकता है। अगर आप अपने पान स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं या इस बीमारी से पीड़ित किसी व्यक्ति की मदद करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।
सामग्री की तालिका
डिवर्टिकुलिटिस (Diverticulitis) : कारण, लक्षण, निदान, उपचार और बचाव

Diverticulitis एक आम पाचन विकार है, जो मुख्यतः बड़ी आंत (कोलन) में होता है। यह तब होता है जब बड़ी आंत की दीवार में छोटे-छोटे उभार (डिवर्टिकुला) बनते हैं और उनमें सूजन या संक्रमण हो जाता है। हल्के से गंभीर तक, Diverticulitis के लक्षण व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। इस लेख में हम Diverticulitis के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।
डिवर्टिकुलिटिस क्या है?
Diverticulitis छोटी थैलियों जैसे उभार होते हैं, जो कोलन की भीतरी परत से बाहर की ओर निकलते हैं। जब ये थैलियाँ संक्रमित या सूजनग्रस्त हो जाती हैं, तो इसे डिवर्टिकुलिटिस कहते हैं।
डिवर्टिकुला का बनना एक सामान्य प्रक्रिया है और अक्सर 40 वर्ष की उम्र के बाद देखा जाता है। बिना संक्रमण के डिवर्टिकुला की स्थिति को डिवर्टिकुलोसिस (Diverticulosis) कहा जाता है, और जब उनमें सूजन हो जाती है, तो वह Diverticulitis बन जाता है।
डिवर्टिकुलिटिस के प्रकार
Diverticulitis को दो प्रकारों में बाँटा जाता है:
- असरदार डिवर्टिकुलिटिस (Uncomplicated Diverticulitis)
- हल्की सूजन और दर्द
- जटिलताएं नहीं होतीं
- जटिल डिवर्टिकुलिटिस (Complicated Diverticulitis)
- फोड़ा (Abscess), परफोरेशन (आंत में छेद), फिस्टुला (असामान्य जोड़) या आंतों में रुकावट हो सकती है।
डिवर्टिकुलिटिस के कारण
Diverticulitis के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
- कम फाइबर वाला आहार
- उम्र बढ़ने के साथ आंतों की दीवार का कमजोर होना
- अधिक प्रोसेस्ड फूड का सेवन
- मोटापा
- धूम्रपान
- शारीरिक गतिविधि की कमी
- आनुवंशिक कारण
- NSAIDs जैसे दवाइयों का अत्यधिक उपयोग
डिवर्टिकुलिटिस के लक्षण
Diverticulitis के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
- बाएं निचले पेट में तेज दर्द
- बुखार और ठंड लगना
- मतली और उल्टी
- कब्ज या दस्त
- पेट फूलना
- भूख न लगना
- पेशाब में जलन (अगर संक्रमण फैल जाए)
डिवर्टिकुलिटिस का निदान कैसे होता है?
डॉक्टर निम्नलिखित तरीकों से डिवर्टिकुलिटिस का पता लगाते हैं:
- शारीरिक परीक्षण
- पेट को दबाकर कोमलता की जांच करना।
- रक्त परीक्षण
- संक्रमण के संकेत के लिए।
- सीटी स्कैन (CT Scan)
- संक्रमण और सूजन का स्तर जानने के लिए सबसे सटीक तरीका।
- अल्ट्रासाउंड
- कुछ मामलों में।
- कोलोनोस्कोपी
- संक्रमण के शांत होने के बाद आंतों की गहन जांच।
डिवर्टिकुलिटिस का उपचार
Diverticulitis का उपचार इसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है।
हल्के डिवर्टिकुलिटिस के लिए उपचार
- एंटीबायोटिक्स
- तरल आहार (सुप, जूस)
- आराम
- दर्द निवारक दवाएं (जैसे पैरासिटामोल)
जटिल डिवर्टिकुलिटिस के लिए उपचार
- अस्पताल में भर्ती
- नसों द्वारा एंटीबायोटिक्स देना
- फोड़े को ड्रेन करना
- आपातकालीन सर्जरी (अगर छेद या बड़ी रुकावट हो)
सर्जरी के प्रकार
- प्राथमिक बौवेल रीसैक्शन (Primary Bowel Resection)
- क्षतिग्रस्त हिस्से को हटाकर स्वस्थ हिस्सों को जोड़ा जाता है।
- कोलोस्टॉमी (Colostomy)
- एक अस्थायी या स्थायी स्टोमा बनाना अगर आंत को आराम देने की जरूरत हो।
डिवर्टिकुलिटिस में आहार कैसा होना चाहिए?
डिवर्टिकुलिटिस के उपचार और बचाव में सही आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उपचार के दौरान
- तरल आहार जैसे सूप, फलों का रस
- धीरे-धीरे हल्के ठोस आहार जैसे दलिया, उबली हुई सब्जियां
उपचार के बाद
- फाइबर से भरपूर आहार (फल, सब्जियां, साबुत अनाज)
- खूब पानी पीना
- प्रोसेस्ड फूड और लाल मांस से बचना
डिवर्टिकुलिटिस से बचाव कैसे करें?
- उच्च फाइबर युक्त आहार लेना
- नियमित व्यायाम करना
- पर्याप्त पानी पीना
- वजन नियंत्रित रखना
- धूम्रपान और शराब से बचना
- भारी भोजन के बाद आराम न करना
डिवर्टिकुलिटिस के संभावित जटिलताएँ
- फोड़ा (Abscess)
- परफोरेशन (आंत में छेद)
- फिस्टुला (असामान्य जोड़ बनना)
- आंत में रुकावट
- सेप्सिस (गंभीर संक्रमण)
समय रहते इलाज न करने पर ये जटिलताएं जानलेवा हो सकती हैं।
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डिवर्टिकुलिटिस से जुड़े
- बीज और नट्स खाने से डिवर्टिकुलिटिस होता है
- वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि बीज और नट्स खाने से कोई जोखिम नहीं बढ़ता।
- डिवर्टिकुलिटिस केवल बुजुर्गों को होता है
- युवा वयस्कों में भी यह बीमारी देखी जा रही है, खासकर जीवनशैली में बदलाव के कारण।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
यदि निम्न लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें:
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- लगातार बुखार
- पेट में तेज दर्द
- उल्टी
- मल में खून आना
- अत्यधिक कमजोरी
निष्कर्ष
डिवर्टिकुलिटिस एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय बीमारी है। सही जीवनशैली, उच्च फाइबर आहार और समय पर चिकित्सीय परामर्श से इस बीमारी को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। यदि समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। इसलिए किसी भी तरह के पेट दर्द या असुविधा को नज़रअंदाज़ न करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
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