Pregnancy में न खाएं ये 8 खाद्य पदार्थ, हो सकता है माँ-बच्चे के स्वास्थ्य को खतरा
नई दिल्ली: Pregnancy का आनंद एक गहरा अनुभव है, जो प्रत्याशा और प्यार से भरा होता है। जैसे-जैसे एक नया जीवन भीतर पनपता है, माताएँ अपने बच्चे की भलाई सुनिश्चित करने के लिए हर एहतियात बरतती हैं। इस यात्रा में आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि आप जो खाना खाते हैं उसका सीधा असर आपके बच्चे के विकास पर पड़ता है।
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इस महत्वपूर्ण अवधि से निपटने में आपकी मदद करने के लिए, प्रसिद्ध आहार विशेषज्ञ काजल अग्रवाल गर्भावस्था के दौरान परहेज़ करने वाले 8 खाद्य पदार्थों पर अपनी विशेषज्ञ जानकारी साझा करती हैं, जो आपके और आपके बच्चे दोनों के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं।
Pregnancy में न खाएं ये 8 खाद्य पदार्थ
बिना पाश्चुरीकृत दूध और पनीर: बिना पाश्चुरीकृत दूध और पनीर में लिस्टेरिया या अन्य हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों दोनों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। ये गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं। हमेशा पाश्चुरीकृत दूध और उससे बने डेयरी उत्पाद चुनें।
कच्चा या अधपका अंडा: हालाँकि अंडे प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत हैं, लेकिन कच्चे अंडे में साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया हो सकता है। इससे आपको फ़ूड पॉइज़निंग हो सकती है, जिससे उल्टी, दस्त और बुखार हो सकता है, जो Pregnancy के दौरान अच्छा नहीं है।
अधपका मांस और मछली: मांस और मछली पौष्टिक होते हैं, लेकिन अगर कच्चे या अधपके हों तो उनमें टोक्सोप्लाज़मोसिस, लिस्टेरिया या अन्य परजीवी हो सकते हैं। ये छोटे बच्चों को नुकसान पहुँचा सकते हैं। कच्ची मछली वाली सुशी न खाएँ।
उच्च-पारा मछली: मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत है, लेकिन कुछ मछलियों में उच्च मात्रा में पारा होता है, जो बच्चे के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास को नुकसान पहुँचा सकता है।
बिना धुले फल और सब्जियाँ: ताजे फल और सब्जियाँ बहुत फायदेमंद होती हैं, लेकिन अगर उन्हें ठीक से धोया न जाए, तो उनमें टोक्सोप्लाज़्मा नामक परजीवी हो सकता है, जो माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है।
कैफीन: सुबह-सुबह चाय या कॉफ़ी तो सभी पीते हैं, लेकिन Pregnancy के दौरान कैफीन की मात्रा पर ध्यान देना ज़रूरी है। बहुत ज़्यादा कैफीन गर्भपात के जोखिम को बढ़ा सकता है। दिन में 200 मिलीग्राम कैफीन ही पिएँ।
पपीता: पपीता भी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इसमें लेटेक्स जैसा पदार्थ होता है, जो गर्भाशय में संकुचन को ट्रिगर कर सकता है और समय से पहले प्रसव या गर्भपात का कारण बन सकता है।
शराब: Pregnancy के दौरान शराब से बचना चाहिए। यह सबसे महत्वपूर्ण नियम है। शराब से भ्रूण अल्कोहल सिंड्रोम हो सकता है, जिससे बच्चे में गंभीर शारीरिक और मानसिक विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
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