नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2017-18 के बीच शराब व्यापार में कथित तौर पर लगभग 50 करोड़ रुपये की अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत भोपाल, इंदौर और मंदसौर में विभिन्न शराब ठेकेदारों के कम से कम 11 परिसरों पर छापेमारी की जा रही है।
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शराब व्यापार घोटाले में ED की छापेमारी
धन शोधन का यह मामला शराब ठेकेदारों के खिलाफ राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से उपजा है, जिसमें कथित तौर पर ट्रेजरी चालान में जालसाजी और हेरफेर के जरिए 49,42,45,615 रुपये के सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने और वित्त वर्ष 2015-16 से वित्त वर्ष 2017-18 की अवधि के दौरान शराब की खरीद के लिए अवैध रूप से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है।
18 की अवधि के दौरान शराब के अधिग्रहण के लिए अवैध रूप से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय को संदेह है कि आरोपी शराब ठेकेदार छोटी रकम के चालान तैयार कर बैंक में जमा कर देते थे।
चालान के निर्धारित प्रारूप में “रुपये अंकों में” और “रुपये शब्दों में” लिखे होते थे। उन्होंने बताया कि मूल्य अंकों में भरा जाता था, लेकिन “रुपये शब्दों में” के बाद खाली स्थान छोड़ दिया जाता था।
अधिकारियों ने बताया कि राशि जमा करने के बाद जमाकर्ता बाद में उक्त खाली स्थान पर लाख या हजार के रूप में बढ़ी हुई राशि लिख देता था और ऐसी बढ़ी हुई राशि के तथाकथित चालान की प्रतियां संबंधित देशी शराब गोदाम या विदेशी शराब के मामले में जिला आबकारी कार्यालय में जमा कर दी जाती थीं।
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