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Farmers Protest: महाराष्ट्र के किसान भी समर्थन में, बेंगलुरु में भी निकाली गई ट्रैक्टर रैली

Farmers protest: 1 फरवरी को संसद के घेराव करने की बात दिल्ली में चल रही है. अगर इसका निर्णय होता है, तो महाराष्ट्र के हज़ारों किसान भी इसमें शामिल होंगे, महाराष्ट्र पीछे नहीं रहेगा.

Mumbai: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) का देश के दूसरे हिस्सों में भी असर देखने मिला. मुंबई के आज़ाद मैदान में किसान जहां पिछले 3 दिनों से कृषि कानूनों (Farm Laws) का विरोध कर रहे हैं, तो वहीं बेंगलुरु में भी बाइक और ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकाली गई. 

Farmers Protest: Farmers of Maharashtra also in support, tractor rally also taken out in Bengaluru
बेंगलुरु में भी निकाली गई ट्रैक्टर और बाइक रैली

गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर मुंबई के आज़ाद मैदान में किसानों ने कृषि कानून (Farm Laws) का विरोध किया. पिछले तीन दिनों से हज़ारों की संख्या में महाराष्ट्र के किसान मुंबई में मौजूद हैं. मंगलवार को किसानों ने यहीँ पर झंडा फहराकर अपना आंदोलन (Farmers Protest) खत्म किया. इस मौके पर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर नाना पटोले भी मौजूद रहे, जिन्होंने यह ऐलान किया कि कृषि कानून (Farm Laws) को महाराष्ट्र में लागू नहीं किया जाएगा. तो वहीं किसान नेता अजित नवले ने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर महाराष्ट्र के किसान दिल्ली जाएंगे.

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नाना पटोले ने कहा, ‘कृषि कानूनों को महाराष्ट्र में लागू नहीं किया जाए, इसलिए एक कमीटी बनाई गई है, हम किसानों के साथ हैं.’ वहीं ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी अजित नवले ने कहा, ‘1 फरवरी को संसद के घेराव करने की बात दिल्ली में चल रही है. अगर इसका निर्णय होता है, तो महाराष्ट्र के हज़ारों किसान भी इसमें शामिल होंगे, महाराष्ट्र पीछे नहीं रहेगा.’

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उधर खुद को किसान नेता कहने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा किसानों को नाराज़ नही करना चाहते थे. ऐसे में बेंगलुरु में अधिकारियों ने उनकी मदद की. बीच का रास्ता निकाला गया. सीमित संख्या में ट्रैक्टर और बाइक रैली निकालने की इजाज़त दी गई. किसानों के साथ कुछ राजनीतिक पार्टियां और दलित संगठन भी साथ हो लिए. अंग्रेज़ों के ज़माने की जेल जिसे अब फ्रीडम पार्क के नाम से जाना जाता है, वहां रैली ख़त्म हुई.

मुंबई और बेंगलुरु में जहां रैली को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म कर दिया गया, तो वहीं किसानों का कहना है कि उनका आंदोलन (Farmers Protest) जारी रहेगा, क्योंकि किसानों ने अपनी मांगों को ज़रूर रखा है, लेकिन अबतक उन्हें कहीं भी राहत नहीं मिली है.

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