Farmers Protest: नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) पिछले एक महीने से ज्यादा समय से जारी है। इस आंदोलन (Farmers Protest) को समाप्त करने के लिए किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन उनका कोई ठोस परिणाम अब तक नहीं निकल सका है। ऐसा ही कुछ आज की बैठक में हुआ, जिसके बाद वार्ता की अगली तारीख तय कर दी गई। इसी को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र पर तंज कसा।
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए शायराना अंदाज में लिखा, ‘नीयत साफ नहीं है जिनकी, तारीख पे तारीख देना स्ट्रैटेजी है उनकी!’ बता दें कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसान समेत विपक्षी दल भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाते आए हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws) की आड़ में सरकार कृषि क्षेत्र को भी कॉरपोरेट के हवाले करना चाहती है और इन कानूनों के आने से छोटे किसानों के लिए संकट उत्पन्न हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) शुक्रवार को 44वें दिन में प्रवेश कर गया। लेकिन अब तक इसे लेकर शुरू हुआ गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है। किसानों को मनाने के लिए आज हुई आठवें दौर की वार्ता भी एक बार फिर बेनतीजा रही। अब अगली बैठक 15 जनवरी को आयोजित होगी। किसान यूनियनें कृषि कानूनों (Farm Laws) को रद्द करने से कम पर राजी नहीं हैं, जबकि सरकार बार-बार इसमें संशोधन करने की बात कह रही है।
किसान पेश नहीं कर पाए कोई अन्य विकल्प: नरेंद्र सिंह तोमर
उधर, बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेता कोई विकल्प पेश नहीं कर पाए। तोमर ने कहा, कानूनों पर चर्चा हुई लेकिन किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका। सरकार ने अनुरोध किया कि अगर किसान यूनियनें कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने के अलावा कोई अन्य विकल्प देती हैं तो हम उस पर विचार करेंगे। लेकिन, किसान यूनियों ने कोई विकल्प पेश नहीं किया, इसलिए बैठक समाप्त कर दी गई और अगली बैठक करने का फैसला किया गया।
कानून वापसी से पहले पीछे नहीं हटेंगे किसान: राकेश टिकैत
उधर, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बैठक के बाद कहा कि जब तक नए कृषि कानून (Farm Laws) वापस नहीं लिए जाएंगे तब तक आंदोलन (Farmers Protest) जारी रहेगा और किसान पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम कहीं नहीं जा रहे हैं। सरकार संशोधनों के बारे में बात करना चाहती थी। लेकिन, हम कानूनों के हिस्सों पर चर्चा नहीं करना चाहते। हम केवल यह चाहते हैं कि नए कानून निरस्त किए जाएं।’