Fever कोई साधारण समस्या नहीं है, यह शरीर में छिपे संक्रमण या बीमारी का संकेत हो सकता है। इस लेख में जानिए Fever के कारण, लक्षण, प्रकार, जांच, उपचार और घरेलू उपायों से जुड़ी पूरी जानकारी, आसान हिंदी में। Fever शरीर की किसी आंतरिक बीमारी या संक्रमण का संकेत हो सकता है। जानें इसके प्रकार, कारण, लक्षण, जांच और इलाज से जुड़ी सभी जरूरी बातें एक ही लेख में।
क्या बार-बार बुखार हो रहा है? जानिए इसके पीछे के कारण, किस प्रकार का Fever खतरनाक होता है, और सही समय पर इलाज और जांच कैसे करवाएं। Fever के सामान्य से लेकर गंभीर लक्षणों तक की पूरी जानकारी, घरेलू उपायों से लेकर मेडिकल उपचार तक—यह लेख आपके हर सवाल का जवाब देगा।
सामग्री की तालिका
बुखार: कारण, लक्षण, प्रकार, उपचार और बचाव की संपूर्ण जानकारी

Fever एक आम लेकिन महत्वपूर्ण संकेत है जो शरीर के अंदर किसी संक्रमण या रोग की उपस्थिति की ओर इशारा करता है। यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि शरीर की रक्षा प्रणाली का एक स्वाभाविक उत्तर होता है। जब शरीर में किसी भी प्रकार का संक्रमण (वायरस, बैक्टीरिया, या फंगस) प्रवेश करता है, तो शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है और यही स्थिति बुखार कहलाती है।
बुखार को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह एक गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है। इस लेख में हम बुखार से संबंधित सभी पहलुओं को विस्तार से समझेंगे।
बुखार क्या है?
बुखार एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। सामान्य मानव शरीर का तापमान लगभग 98.6°F (37°C) होता है। जब यह तापमान 100.4°F (38°C) या उससे अधिक हो जाए, तो इसे बुखार माना जाता है। बुखार अपने आप में कोई रोग नहीं होता, बल्कि यह किसी अन्य समस्या का लक्षण होता है। बुखार तब होता है जब शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली संक्रमण से लड़ने के लिए तापमान बढ़ा देती है।
बुखार के प्रकार
बुखार को उसके प्रकार और अवधि के आधार पर कई श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
1. तेज बुखार (High Fever)
- शरीर का तापमान 103°F (39.4°C) या उससे अधिक हो जाता है।
- यह गंभीर संक्रमण या वायरल बीमारी का संकेत हो सकता है।
2. मध्यम बुखार (Moderate Fever)
- तापमान 100.4°F से 102.2°F के बीच रहता है।
- आमतौर पर सर्दी-जुकाम, मौसमी फ्लू या हल्के संक्रमण में देखा जाता है।
3. कम बुखार (Low-grade Fever)
- तापमान 99°F से 100.3°F तक होता है।
- यह अक्सर शरीर में सूजन या एलर्जी जैसी स्थितियों के कारण होता है।
4. निरंतर बुखार (Continuous Fever)
- तापमान लगातार एक स्तर पर बना रहता है।
- टाइफाइड जैसी बीमारियों में देखा जाता है।
5. अनियमित बुखार (Intermittent Fever)
- तापमान दिन में कई बार बढ़ता और घटता है।
- मलेरिया में आमतौर पर ऐसा बुखार होता है।
बुखार के कारण
बुखार के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्यतः निम्नलिखित शामिल हैं:
1. वायरल संक्रमण
- सर्दी, फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया, कोविड-19 आदि।
2. बैक्टीरियल संक्रमण
- टाइफाइड, निमोनिया, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, टॉन्सिलिटिस आदि।
3. परजीवी संक्रमण
- मलेरिया, अमीबायसिस, टॉक्सोप्लाज्मोसिस।
4. फंगल संक्रमण
- त्वचा, फेफड़े या आंतों में फंगल संक्रमण।
5. टीकाकरण के बाद
- बच्चों में टीका लगने के बाद अस्थायी बुखार आना सामान्य है।
6. सूजन और ऑटोइम्यून रोग
- जैसे रुमेटाइड अर्थराइटिस, ल्यूपस आदि में।
7. हीट स्ट्रोक
- अत्यधिक गर्मी में शरीर का तापमान असंतुलित हो सकता है।
बुखार के लक्षण
बुखार के साथ कई अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि बुखार किस कारण से हुआ है:

- शरीर का तापमान बढ़ना
- ठंड लगना और कंपकंपी
- पसीना आना
- सिरदर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- थकावट और कमजोरी
- भूख की कमी
- चक्कर आना
- उल्टी या मतली
- जलन या खुजली (अगर संक्रमण त्वचा का हो)
- बच्चों में चिड़चिड़ापन और सुस्ती
बुखार की जांच और निदान
अगर बुखार 2–3 दिन से अधिक समय तक बना रहता है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी होता है। इसके लिए निम्नलिखित जांच की जा सकती है:
- थर्मामीटर से तापमान मापना
- ब्लड टेस्ट (CBC, ESR, CRP)
- मलेरिया और डेंगू टेस्ट
- टाइफाइड टेस्ट (Widal or Typhidot)
- यूरीन टेस्ट
- कोविड-19 टेस्ट (यदि संदेह हो)
- एक्स-रे या सोनोग्राफी (अगर संक्रमण का स्थान स्पष्ट नहीं हो)
बुखार का उपचार
1. सामान्य उपचार
- आराम करना सबसे ज़रूरी है।
- पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ लेना चाहिए।
- हल्का और सुपाच्य भोजन लें।
- शरीर को ठंडा रखें, हल्के कपड़े पहनें।
2. दवाइयाँ
- पैरासिटामोल (Paracetamol): बुखार कम करने के लिए।
- आईबुप्रोफेन (Ibuprofen): दर्द और सूजन के लिए।
- एंटीबायोटिक्स: यदि संक्रमण बैक्टीरियल है।
- एंटीमलेरियल / एंटीवायरल दवाएं: अगर मलेरिया या वायरल संक्रमण हो।
3. हॉस्पिटल में भर्ती की आवश्यकता कब होती है?
- बहुत तेज बुखार (104°F या अधिक)
- निर्जलीकरण के लक्षण (Dehydration)
- उल्टी, दस्त या भ्रम की स्थिति
- बच्चों या बुजुर्गों में लंबे समय तक बुखार
घरेलू उपचार
Hormonal Imbalance: कारण, लक्षण, निदान, उपचार और बचाव के प्रभावी तरीके
- तुलसी का काढ़ा: संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
- अदरक और शहद: गले की खराश और सर्दी में लाभदायक।
- नींबू पानी और नारियल पानी: शरीर को हाइड्रेट रखते हैं।
- सिर पर ठंडे पानी की पट्टियां: तेज बुखार में तापमान नियंत्रित करने में सहायक।
- हल्दी वाला दूध: शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
बच्चों में बुखार
बच्चों में बुखार आम बात है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बना रहे या तेज हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। बच्चों में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- शरीर का तापमान नियमित रूप से मापते रहें।
- तरल पदार्थ ज्यादा दें।
- डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा की सही मात्रा दें।
- गर्म कपड़ों में न लपेटें।
बुखार से बचाव के उपाय
Pancreatic Disorders: कारण, लक्षण, निदान, उपचार और बचाव के उपाय
- साफ-सफाई रखें – हाथ धोना, भोजन को ढंक कर रखना।
- मच्छरदानी का प्रयोग करें – डेंगू और मलेरिया से बचाव।
- टीकाकरण करवाएं – बच्चों और बड़ों को ज़रूरी टीके लगवाना।
- संतुलित आहार लें – शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें – वायरल संक्रमण का खतरा कम होता है।
कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?

- बुखार 3 दिन से अधिक समय तक बना रहे।
- बुखार के साथ गंभीर लक्षण हों जैसे दौरे, भ्रम, अत्यधिक कमजोरी।
- बच्चों, बुजुर्गों या गर्भवती महिलाओं में बुखार।
- बार-बार बुखार आना (Recurring Fever)।
निष्कर्ष
बुखार एक सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण लक्षण है जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा किसी संक्रमण से लड़ने का तरीका होता है, लेकिन इसका कारण समझना और उचित उपचार करना आवश्यक है। घरेलू उपायों और दवाओं के संयोजन से बुखार पर आसानी से नियंत्रण पाया जा सकता है, लेकिन गंभीर लक्षणों में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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